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Bihar News: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट के बाद आज जारी होगी जातियों की आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

बिहार में जातीय जनगणना के बाद अब आर्थिक सर्वेक्षण की बारी है. आज आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी होगी. 9 दलों के प्रतिनिधियों के सामने रिपोर्ट जारी की जाएगी.

Updated on: 03 Oct 2023, 09:59 AM

highlights

  • जातीय जनगणना के बाद अब आर्थिक सर्वेक्षण की बारी
  • आज जारी होगी आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट
  • 9 दलों के प्रतिनिधि के सामने जारी होगी रिपोर्ट
  • 3.30 बजे जारी की जाएगी आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट

Patna:

बिहार में जातीय जनगणना के बाद अब आर्थिक सर्वेक्षण की बारी है. आज आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी होगी. 9 दलों के प्रतिनिधियों के सामने रिपोर्ट जारी की जाएगी. 3.30 बजे जारी होने वाली आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट से जातियों की आर्थिक स्थिति का पता चलेगा. आपको बता दें कि बिहार की नीतीश सरकार ने जातीय गणना के आंकड़े सार्वजनिक कर दिए हैं. आंकड़े जारी होने के बाद हर वर्ग की जातियों के आंकड़े साफ हो गए हैं. बिहार में ओबीसी की आबादी सबसे ज्यादा 63 फीसदी है तो वहीं जनरल की आबादी 15.2 फीसदी है. इन आंकडों के जारी होने के बाद बिहार में सियासी सरगर्मी एक बार फिर तेज हो गई है.

बिहार में किसकी कितनी आबादी

वर्ग                       आंकड़े (प्रतिशत में)

अति पिछड़ा                  36.01%

पिछड़ा                      27.12 %

अनुसूचित जाति                19.65 %

अनुसूचित जनजाति              1.06 %

सामान्य                      15.52%  

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वहीं, अगर बिहार में जातियों का गणित समझें को गणना के बाद जो आंकड़े जारी हुए हुए हैं. उनमें हर जाति का प्रतिशत बताया गया है. उसके हिसाब से ऐसा है जातियों में बिहार.

यादव-14.26%

कुशवाह-4.27

मुसहर-3.08%

राजपूत-3.45%

कुर्मी-2.87%

नाई-1.59%

कानू-2.21%

भूमिहार-2.89%

धानुक-2.13%

धोबी-0.83%

कायस्थ-0.60

सोनार-0.68%

कुम्हार-1.04%

बढ़ई-1.45%

बीजेपी ने साधा निशाना

वहीं, बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक किए जाने के बाद से सियासत तेज हो गई है. बीजेपी का कहना है कि सरकार ये रिपोर्ट सार्वजनिक करें कि किस जाति की संख्या बिहार में बढ़ी है और किस जाति की संख्या बिहार में कम हुई है. इससे पहले भी दो बार जातीय गणना हुई थी. जिसमें ये बताया गया था कि किसकी संख्या कितनी है और पहले की अपेक्षा किसकी संख्या बढ़ी है और किसकी संख्या घटी है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह ने सरकार से मांग की है कि सरकार पुराने जाति आधारित गणना के आधार पर पूरा रिपोर्ट सार्वजनिक करें ताकि जो भ्रम की स्थिति बनी हुई है वह दूर हो सके.