Bihar News: कैमूर में प्रसूता की मौत के बाद एक्शन में प्रशासन, डॉक्टर दंपत्ति फरार

कैमूर के रामगढ़ में निजी क्लिनिक में डिलिवरी के लिए आई महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई.

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Jatin Madan
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प्रशासन ने निजी क्लीनिक को किया सील.( Photo Credit : News State Bihar Jharakhand)

कैमूर के रामगढ़ में निजी क्लिनिक में डिलिवरी के लिए आई महिला की प्रसव के दौरान मौत हो गई. मौत के बाद जिला प्रशासन ने एक्शन लेते हुए जहां निजी क्लिनिक को सील कर दिया है तो क्लीनिक तक महिला को बरगला कर लाने वाली आशाकार्यकर्ता के खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है उधर आरोपी डॉक्टर क्लीनिक छोड़कर फरार हो गए हैं. एक तरह बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को ठीक करने के लिए लगातार काम कर रही है. तेजस्वी यादव ने तो स्वास्थ्य मंत्री बनते ही बिहार में स्वास्थ व्यवस्थाओं को सुधारने के लिए मिशन 60 चलाया ताकि लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके. इलाज के अभाव में किसी की जान ना जाये, लेकिन दूसरी तरफ बिहार में झोला छाप डॉक्टर और अवैध निजी क्लीनिक लोगों की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं. इस खेल में डॉक्टरों के साथ-साथ आशा कार्यकर्ताओं की मिलीभगत भी सामने आ रही है. 

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अवैध निजी क्लीनिक पर शिकंजा

ताजा मामला कैमूर के रामगढ़ में आया है, जहां पकवली गांव के टुन्नु राम की 25 साल की पत्नी संजू कुमारी प्रसव को लेकर रामगढ़ रेफरल अस्पताल पहुंचीं, लेकिन प्रसव में परेशानी देख डॉक्टरों ने भभुआ सदर अस्पताल उन्हें रेफर कर दिया. इसी बीच उसी गांव के ही रहने वाली आशा कार्यकर्ता रीमा देवी ने मरीज को बहला-फुसला कर रामगढ़ शहर में ही अवैध रूप से चल रहे सिटी हॉस्पिटल ले गई, जहां इलाज के दौरान प्रसूता संजू कुमारी की मौत हो गई.

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प्रशासन ने निजी क्लीनिक को किया सील

महिला की मौत से नाराज परिजनों की शिकायत पर आशा कार्यकर्ता रीमा देवी और सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रवेश कुमार और उनकी पत्नी सुनीता कुमारी पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. उधर अवैध निजी क्लिनिक में महिला की मौत की खबर मिलते ही प्रशासन भी पूरी तरह से एक्शन में आ गया और जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और अस्पताल को सील कर दिया. उधर महिला की मौत के बाद से डॉक्टर दंपति फरार हैं

बरगलाने वाली आशा कार्यकर्ता पर FIR

अब सवाल ये उठता है कि अवैध निजी क्लीनिक के खिलाफ प्रशासन किसी की मौत के बाद ही एक्शन क्यों लेता है अगर ऐसे अवैध क्लीनिकों के खिलाफ सयम से पहले कार्रवाई हुई होती तो शायद महिला की जान नहीं जाती. चंद पैसों के लिए जिस तरह से आशा कार्यकर्ता ने अपनी इमान बेची है उस समस्या का समाधान सिर्फ FIR नहीं है बल्कि उन्हें समझाने की जरूरत है कि इंसान की जिंदकी उसके परिवार के लिए कितनी अहम है.

रिपोर्ट : पंकज कुमार

HIGHLIGHTS

  • अवैध निजी क्लीनिक पर शिकंजा
  • प्रसूता की मौत के बाद प्रशासन का एक्शन
  • प्रशासन ने निजी क्लीनिक को किया सील
  • डॉक्टर दंपत्ति क्लीनिक छोड़कर फरार

Source : News State Bihar Jharkhand

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