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पटना की सड़कों पर महागठबंधन का 'आक्रोश मार्च', विपक्ष ने की एकजुटता दिखाने की कोशिश

केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पटना की सड़कों पर विपक्षी दलों के महागठबंधन ने आक्रोश मार्च निकाला.

Updated on: 13 Nov 2019, 02:38 PM

पटना:

केंद्र और राज्य सरकार की कथित जनविरोधी नीतियों के खिलाफ पटना की सड़कों पर विपक्षी दलों के महागठबंधन ने आक्रोश मार्च निकाला. कांग्रेस, राजद, वीआईपी, हम, रालोसपा और वाम दल सभी एक साथ राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आए. पूर्व केंद्रीय मंत्री और रालोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, पूर्व मुख्यमंत्री और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, वीआईपी पार्टी के अध्यक्ष मुकेश सहनी, वाम दल के नेताओं के साथ राजद के प्रतिनिधियों ने आक्रोश मार्च निकाला.

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विपक्ष ने बिहार के गिरती कानून व्यवस्था, खराब शिक्षा व्यवस्था के साथ केंद्र की विघटनकारी नीति को मुद्दा बनाया है. इसके अलावा पिछले कुछ दिनों से महागठबंधन में टूट की खबरों को महज अफवाह साबित करने के साथ विपक्षों ने एकता दिखाने की कोशिश भी की. हालांकि इस आक्रोश मार्च में राजद नेता तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे. लेकिन राजद ने अपना प्रतिनिधि भेजा जरूर भेजा. बिहार में चुनाव अगले साल चुनाव होने वाले हैं, इसी के मद्देनजर विपक्ष ने अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है.

इससे पहले मंगलवार को रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी से कुशवाहा ने मुलाकात की थी. उसके बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए मांझी ने कहा था कि मान मनोबल की कोई बात नहीं है और हमने कभी नहीं कहा था कि 13 नवंबर के इस मार्च में भाग नहीं लेंगे. उन्होंने कहा था, 'हमारी केवल एक मांग महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन है और कमोबेश महागठबंधन के सभी घटक दल इससे सहमत हैं कि जमहुरियत में सबके विचार से कोई काम होना चाहिए जो कि अभी महागठबंधन में नहीं हो रहा है.'

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उन्होंने कहा था कि महागठबंधन में समन्वय समिति का गठन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के पहले हो जाना चाहिए, न कि चुनाव के समय. कुशवाहा ने मांझी की मौजूदगी में कहा था कि 12 अक्टूबर को जब उन्होंने पटना के बापू सभागार में आयोजित एक समारोह के दौरान इस मार्च की घोषणा की थी तो उस समय मांझी सहित महागठबंधन के बाकी घटक दलों के नेता मौजूद थे. कुशवाहा से मुलाकात के बाद विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने कहा था कि महागठबंधन में शामिल किसी भी दल ने इस मार्च में शामिल होने को लेकर ना नहीं कहा था. उन्होंने दावा किया कि 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव का समय आते आते महागठबंधन का स्वरूप और बडा हो जाएगा और वामदलों के साथ मिलकर हम बेहतर सरकार और राजग का विकल्प देंगे.

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