बिहार का गया पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है. गया में हर साल भारी संख्या में पर्यटक घूमने आते हैं. वहीं, श्राद्धा काम को लेकर भी गया में देशभर से लोग वहां पहुंचते हैं. वहीं, बोधगया के दशरथनगर गांव में करीब 200 घरों में महादलित परिवार रहते हैं. पीने के पानी के लिए लोग पहले चापाकल का पानी पीते हैं, कई बार इससे दूषित पानी निकलता था. इसी दूषित पेयजल के पीने से दशरथ नगर के लोग अक्सर बीमार रहते थे. सरकार का नल जल योजना भी गांव तक नहीं पहुंच सका है. गांव की ग्रामीण महिला जयंती देवी बताती है कि बोधगया में विदेशी पर्यटकों का आने-जाने का सिलसिला लगा रहता है.
एक विदेशी ने बदल दी पूरे गांव की तस्वीर
कुछ महीने पहले वियतनाम से एक विदेशी थिएंन फुओक इस महादलित गांव में राशन का वितरण करने पहुंचे थे और उन्हें प्यास लगी तो गांव वालों से पीने के लिए पानी मांगा. गांव के लोगों ने चापाकल का पानी पीने को दिया तो पानी का रंग और गंदगी देखकर उन्होंने पानी पीने से इंकार कर दिया. विदेशी पर्यटक ने राशन वितरण कर गांव के लोगों को मुफ्त आरओ वाटर देने का आश्वासन दिया और वहां से चले गए.
जो सरकार नहीं कर पाई, एक पर्यटक ने कर दिखाया
कुछ दिनों के बाद गांव में आरओ वाटर का प्लांट लगवाया. अब गांव के ग्रामीण स्वच्छ आरओ वाटर का इस्तेमाल पीने से लेकर सारे काम के लिए करते हैं. गांव में आरओ प्लांट लगाकर हरेक 20 घरों पर एक टंकी लगा दिया है, जहां आरओ प्लांट से पाइपलाइन के जरिए टंकी में पहुंचता है. ग्रामीण महिलाएं बताती है कि सरकार के द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजनाओं का लाभ इस महादलित गांव तक नहीं पहुंचता है. विदेशी पर्यटकों और विदेशी संस्थाओं के भरोसे लोग जीवनयापन कर रहे हैं.
HIGHLIGHTS
- एक विदेशी ने बदली बिहार के इस गांव की तस्वीर
- ग्रामीणों के लिए लगा डाला RO प्लांट
- अब ग्रामीण पी रहे है आरओ वाटर
Source : News State Bihar Jharkhand