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देश के खिलाफ बिहार की राजधानी से रची जा रही थी बड़ी साजिश, पांच लोगों की हुई गिरफ्तारी

मजहबी उन्माद के बहकावे में लेकर अपने जैसे कट्टरपंथियों को मार-काट का प्रशिक्षण दे रहे थे और 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का मंसूबा पाले बैठे थे. कश्मीर में भी आतंकी हमले की कर रहें थे तैयरी. अब तक इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चूकि ह

Updated on: 15 Jul 2022, 08:07 PM

Patna:

बिहार की राजधानी पटना में आतंक फ़ैलाने की साजिश रची जा रही थी. जो की देश के लिए काफी घातक होने वाला था.मजहबी उन्माद के बहकावे में लेकर अपने जैसे कट्टरपंथियों को मार-काट का प्रशिक्षण दे रहे थे और 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने का मंसूबा पाले बैठे थे. कश्मीर में भी आतंकी हमले की कर रहें थे तैयरी. अब तक इस मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चूकि है। बिहार पुलिस को इस बात का अहसास भी नहीं था की उनके राज्य में नाक के निचे इतनी बड़ी साजिश रची जा रही थी और युवाओं को आतंक की ट्रेनिंग दी जा रही थी.

पांच लोगों की हुई गिरफ्तारी कुल 26 आरोपियों की हुई पहचान 

शुरुआती कार्रवाई में गिरफ्तार किए गए अतहर परवेज और जलालुद्दीन से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस द्वारा अब तक 5 षड्यंत्रकारियों की गिरफ्तारी की जानकारी मिली है. वहीं, पुलिस के मुताबिक देश विरोधी साजिश के मामले में कुल 26 आरोपियों की पहचान हुई है. पटना पुलिस ने शुक्रवार को फुलवारीशरीफ से जुड़े मामले में जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है . उसकी पहचान शमीमअख्तर, शब्बीर मलिक, ताहिर अहमद, दानिश, अखलाक के रूप में की गई है. बाकी के 26 में से 21 की गिरफ्तारी के लिए एजेंसियां लगातार उनकी तलाश में जुटी हुई हैं.

वॉट्स्ऐप पर गजवा-ए-हिंद ग्रुप बनाया गया था 

जांच के दौरान एजेंसियों को चौंकाने वाली जानकारी मिली है, पटना एस.एस.पी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने मीडिया से बताया की फुलवारी में अतहर परवेज और जलालुद्दीन जिन युवाओं को जिहाद के लिए तैयार कर रहा था. षड़यंत्र के ये दोनो सुत्रधार सिर्फ 26 कट्टरपंथियों से नहीं जुड़े थे, बल्कि इनके तार बांग्लादेश और पाकिस्तान से जुड़े थे.ये लोग  न सिर्फ जानकारी साझा कर रहें थे , बल्कि विदेशों से भारत विरोधी गतिविधियों को चलाने के लिए फंड भी जुटाया रहें थे. वॉट्स्ऐप पर गजवा-ए-हिंद ग्रुप भी बनाया गया था, जिसमें बांग्लादेशी और पाकिस्तानी नागरिकों को भी जोड़ा गया था, वहीं पी.एफ.आई टर्की से अच्छे रिश्ते और फंडिंग मिलने का पहले भी खुलासा हो चुका है.

एजेंसियों ने देश के विरूद्ध रची जा रही एक बड़ी साजिश को विफल तो कर दिया है,लेकिन अभी भी बड़ी चुनौती ये है कि इसे जड़ से खत्म कैसे किया जाए, इसकी शाखाएं कहां कहां फैली हैं उसका खुलासा हो और गजवा-ए-हिंद का मंसूबा पाले देश और देश की बहुसंख्यक आबादी के दुश्मन बने बैठे सबको सलाखों के पीछे पहुंचाए