कटिहार में होगा 765 KV सुपरग्रिड का निर्माण, तीन देशों को जोड़ने वाला बिहार पहला राज्य

बिहार के कटिहार में 765 केवी क्षमता वाली सुपर ग्रिड का निर्माण होगा. केन्द्र सरकार के तरफ से इस सुपरग्रिड के निर्माण को हरी झंडी मिल गयी है. बता दें कि बिहार में इतनी क्षमता वाला यह दूसरा सुपर ग्रिड होगा. गया में भी इतनी क्षमता वाला एक सुपर ग्रिड है.

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Avinash Prabhakar
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सुपरग्रिड ( Photo Credit : File)

बिहार के कटिहार में 765 केवी क्षमता वाली सुपर ग्रिड का निर्माण होगा. केन्द्र सरकार के तरफ से इस सुपरग्रिड के निर्माण को हरी झंडी मिल गयी है. बता दें कि बिहार में इतनी क्षमता वाला यह दूसरा सुपर ग्रिड होगा. गया में भी इतनी क्षमता वाला एक सुपर ग्रिड है. इस सुपर ग्रिड के निर्माण से पूर्व बिहार के ग्रिडों पर बोझ कम होगा.

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ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बुधवार को बताया कि इस परियोजना पर 4300 करोड़ खर्च होंगे. कटिहार में इस सुपर ग्रिड के निर्माण के बाद उत्तर बिहार की ट्रांसमिशन क्षमता बेहतर होगी. साथ ही पूर्वोत्तर भारत से बिहार की कनेक्टिविटी भी बढ़ जाएगी. 765 केवी क्षमता वाला बिहार का यह दूसरा सुपर ग्रिड होगा. उन्होंने बताया कि बिहार की पहले से ही नेपाल और भूटान से इंटरनेशनल कनेक्टिविटी है. बता दें कि सबसे अधिक 1200 केवी क्षमता का सुपर ग्रिड पहले से मध्य प्रदेश के बीना में है. 

कटिहार में बनने वाले इस ग्रिड से बांग्लादेश तक ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जायेगा, जिससे बांग्लादेश को बिजली दी जाएगी। वहीं बिहार तीन देशों से कनेक्टिविटी वाला देश का पहला राज्य होगा. इस सुपरग्रिड का निर्माण कटिहार जिले के कोढ़ा में किया जाएगा, जिसके लिए करीब 150 एकड़ जमीन की जरूरत होगी। इसमें करीब 20 एकड़ जमीन भविष्य की विस्तार योजना के लिए रखी गई है. बाढ़ से मुक्त क्षेत्र होने के कारण कोढ़ा का चयन किया गया है. बांग्लादेश की सीमा भी यहां से निकट है. बता दें कि 765 केवी के सुपर ग्रिड परिसर में अतिरिक्त जमीन रखी जाएगी. वहां 440 केवी क्षमता का ग्रिड भी बनेगा. साथ ही इसे पूर्णिया से भी जोड़ा जाएगा ताकि भविष्य में किसी तरह की दिक्कत होने पर या विशेष परिस्थितियों के लिए विकल्प हो सके. भविष्य में 132 केवी का सबस्टेशन भी वहां बनाया जाएगा.

इस सुपर ग्रिड के जरिए बांग्लादेश को फिलहाल 800 मेगावाट बिजली का निर्यात किया जायेगा, जिसके लिए सुपर ग्रिड से इसके लिए 415 किलोमीटर लंबी ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण होगा. इसकी कनेक्टिविटी दो अलग-अलग ट्रांसमिशन लाइन के माध्यम से कटिहार के साथ-साथ असम के बोरनगर से भी होगी. सुपरग्रिड और ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण इस तरह से होगा कि भविष्य में बांग्लादेश से बिजली बिहार या फिर पूर्वोत्तर भारत में भी लायी जा सके. 

Source : Mohit Raj Dubey

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