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26 लाख स्वाहा( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
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26 लाख स्वाहा( Photo Credit : News State Bihar Jharkhand)
बिहार में शिक्षा व्यवस्था हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है. कभी परीक्षा पेपर लीक होने से तो कभी अश्लील गाने सुनते हुए छात्रों का परीक्षा देने का वीडियो काफी वायरल हो चुका है. वहीं, इन दिनों शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक लगातार राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के लिए नए-नए तरीके अपनाते नजर आ रहे हैं. वहीं, अब भी राज्य में सरकारी विद्यालयों की तस्वीरें आज भी बदतर है. जी हां हम बात कर रहे है भागलपुर के नवगछिया अनुमंडल अंतर्गत उच्च विद्यालय सैदपुर की, जो बिहार के सरकारी स्कूलों पर सवाल खड़ा कर रहा है. दरअसल, बिहार में बारिश और बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, भागलपुर से जो तस्वीर सामने आई है, उसमें छात्र क्लास रूम के अंदर छाता लगाकर बैठे हुए हैं.
जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर बच्चे
दरअसल, बारिश की वजह से स्कूल के छत से काफी पानी टपक रहा है. भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है और उसी भवन में छात्र पढ़ने को मजबूर है. काफी परेशानियों का सामना करते हुए छात्र एक हाथ से छाता पकड़े हुए हैं और दूसरे हाथ से कलम चला रहे हैं. बता दें कि इस स्कूल की स्थापना 1941 में हुई थी. इस विद्यालय ने देश को कई होनहार अधिकारी दिए हैं, लेकिन आज स्कूल बदहाली और बदइंतजामी पर आंसू बहा रहा है. खुद इस वीडियो को अमित मालवीय ने अपने ऑफिशियल ट्वीट हैंडल से शेयर किया है.
बिहार के सरकारी स्कूलों की हालत ये है कि बरसात के दिनों में बच्चों को क्लास में छाता लगाकर बैठना पड़ रहा है।
एक तरफ़ बिहार के शिक्षा मंत्री राम चरित मानस की विवेचना कर रहे हैं और मुख्यमंत्री नीतीश बाबू प्रधानमंत्री बनने का सपना देख रहे हैं, दूसरी तरफ़ बिहार में शिक्षा व्यवस्था… pic.twitter.com/vf5KYHLW5j
— Amit Malviya (@amitmalviya) August 18, 2023
13 साल पहले शिक्षा विभाग के द्वारा स्कूल के नए भवन के निर्माण के लिए 26 लाख रुपये दिए गए थे. जिसके बाद संवेदक ने कार्य शुरू तो किया, लेकिन समय पर काम पूरा नहीं हुआ. शिक्षा विभाग ने संवेदक को शोकॉज कर काम रुकवा दिया. महज 13 लाख का काम तो हुआ लेकिन भवन अभी तक अर्धनिर्मित पड़ा है. प्रभारी प्रधानाध्यापक ने कहा कि विद्यालय के वर्ग में बरसात के समय पानी के टपकने से पठन-पाठन सही से नहीं हो रहा है. बरसात की पानी की वजह से बेंच-डेस्क व उपस्कर बर्बाद हो रहे हैं. वहीं, बारिश की वजह से स्कूल में पढ़ाई के लिए बच्चे भी डर से कम आते हैं. जिला के शिक्षा विभाग को प्रत्येक वर्ष पत्र के माध्यम से जानकारी दे रहे हैं, लेकिन इस पर किसी प्रकार की कोई पहल नहीं की जा रही है.
HIGHLIGHTS
Source : News State Bihar Jharkhand