2024 लोकसभा का चुनाव दिलचस्प होगा. बीजेपी की अगुवाई वाली NDA का मुकाबला विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA से होगा. NDA के खिलाफ INDIA तो तैयार हो गया, लेकिन अभी भी सवाल यही है कि मोदी के मुकाबले इस INDIA का सारथी कौन होगा. बीजेपी का मानना है कि NDA के मुकाबले INDIA तो बन गया, लेकिन मोदी के मुकाबले कोई भी सामने नहीं टिकेगा. बीजेपी के विरोधी दल के नेता विजय कुमार सिन्हा के माने तो 2024 की लड़ाई भारत के मुकाबले इंडिया के वह भ्रष्ट चेहरे जो एक साथ आने का प्रयास कर रहे हैं. यह देश की जनता समझ चुकी है कि मोदी के सामने यह दागदार चेहरे कहीं नहीं टिकने वाले हैं, जिसे सिन्हा ने कहा कि विपक्षी एकता जो शुरुआत अभी दिख रही है वह 2023 में ही बिखरना शुरू हो जाएगा.
2024 का मुकाबला दिलचस्प
बेंगलुरु में 26 विरोधी दलों की बैठक के बाद बीजेपी के विरोधी दल उत्साहित हैं. जदयू का मानना है गठबंधन का चेहरा कोई मुद्दा नहीं है. इससे पहले भी भारत में कई ऐसी सरकारें बन चुकी है, जिसमें बिना किसी चेहरे के वह लोग चुनाव लड़े थे. मोरारजी देसाई हो, बीपी सिंह हो, चौधरी चरण सिंह या यूपीए के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह. यह सभी चेहरे चुनाव के बाद तय किए गए थे. जदयू के विधान पार्षद नीरज कुमार ने कहा कि विपक्षी एकता की मुहिम पटना से शुरू हुई थी और अब दिल्ली पता करके ही अभियान खत्म होगी. वहीं, राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव की माने तो 2024 के लोकसभा चुनाव का मुख्य लक्ष्य मोदी वर्सेज मुद्दा होगा.
NDA Vs INDIA
विपक्षी एकता की बात करने वाले राजनीतिक दल कल की बैठक के बाद भले ही उत्साहित हैं, लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है विपक्ष के सामने एकता की चुनौती थी. उसको एक मंच पर लाने में नीतीश कुमार सफल रहे, लेकिन UOA के बदले INDIA नाम रखना यह बीजेपी के ही दबाव में लिया गया फैसला है. बीजेपी के राष्ट्रवाद की राजनीति के दबाव में ही यह लोग INDIA नाम रखे हैं, लेकिन अभी भी एक पेंच है कि किस के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा, यह फंसा हुआ है. अब विपक्षी एकता को खुद कांग्रेस लीड कर रही है. नीतीश कुमार 16 पार्टियों के साथ मीटिंग के थे और कांग्रेस 26 पार्टियों के साथ मीटिंग की है, लेकिन विपक्ष को मोदी के मुकाबले किसके नेतृत्व में चुनाव लड़ना है, यह तय करना पड़ेगा, नहीं तो 2024 का मुकाबला आसान नहीं होगा.
जानिए क्या होगी विपक्ष की रणनीति?
राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीतिक बयानबाजी भी होती है और एक-दूसरे के खिलाफ रणनीति भी बनाई जाती है ताकि एक दूसरे को पटकनी दे सकें. जिस तरीके से पिछले 9 वर्षों में नरेंद्र मोदी देश के मजबूत नेता के रूप में उभरे हैं. उनको सत्ता से हटाने के लिए तमाम विरोधी दल एक मंच पर आ रहे हैं, लेकिन विपक्ष के सामने अभी की सबसे बड़ी चुनौती है मोदी के चेहरे के सामने अपना चेहरा खड़ा करना. ताकि 2024 के चुनावी चक्रव्यूह में मोदी को मात दिया जा सके. भले ही विपक्षी दल यह दावा करें कि चुनाव बाद चेहरा तय हो जाएगा, लेकिन मोदी के मुकाबले बिना चेहरे के चुनावी मैदान में उतरना इतना आसान नहीं होगा.
HIGHLIGHTS
- 2024 का मुकाबला दिलचस्प
- NDA Vs INDIA
- जानिए क्या होगी विपक्ष की रणनीति?
Source : News State Bihar Jharkhand