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हम असम के संस्कृति की रक्षा करने वाले लोग : बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा

असम विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल के नेता एक के बाद एक लगातार चुनावी रैली कर जनसभाओं को संबोधित कर रहे है.

Updated on: 02 Apr 2021, 04:35 PM

दिसपुर:

असम विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए भारतीय जनता पार्टी और विपक्षी दल के नेता एक के बाद एक लगातार चुनावी रैली कर जनसभाओं को संबोधित कर रहे है. आज असम के बोको में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी जनसभा को संबोधित किया.  बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि हम असम की संस्कृति की रक्षा करने वाले लोग हैं. उन्होने आगे बताया कि अटल जी की सरकार में गोपीनाथ बोरदोलोई जी को भारत रत्न दिया गया, तब तक किसी कांग्रेसी नेता को उनकी याद क्यों नहीं आई थी?

बता दें कि असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान कल ही समपन्न हुआ है.  बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने संबोधन में कहा कि उसी तरह नरेन्द्र मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भूपेन हजारिका को भारत रत्न दिया गया. जब आपने मनमोहन सिंह जी को प्रधानमंत्री चुना था , वो 10 साल में यहां कुल 10 बार भी नहीं आये थे. लेकिन मोदी जी मात्र 5 साल के अंदर ही यहां 35 बार आये हैं और इस इलाके के विकास को गति दी है.


बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि अरुणोदय से महिला का सशक्तिकरण हुआ है. अब हम 3,000 रुपये प्रत्येक के हिसाब से 30 लाख बहनों को अरुणोदय के तहत देने वाले हैं. ताकि वो अपने बच्चों की शिक्षा, दीक्षा, पढ़ाई और दवाई में इनका प्रयोग कर सके. ये चुनाव बंगाल, केरल और असम में हो रहे हैं। केरल में कांग्रेस सीपीएम के खिलाफ लड़ रही है.  बंगाल में सीपीएम के साथ चल रही है. असम में भी गले लगाकर कांग्रेस सीपीएम के साथ चल रही है. ये कांग्रेस का मानसिक दिवालियापन है.

इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष ने कहा था कि पांच साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमने असम को उसकी अस्मिता वापस लौटाने का काम किया. बोडो विवाद का मसला कई दशकों तक रुका रहा था, लेकिन हमारी सरकार ने उसे खत्म करने का काम किया. जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सिर्फ अवसरवाद की राजनीति कर रही है, केरल में वो मुस्लिम लीग के साथ लड़ रही है तो वहीं असम में अजमल के साथ लड़ रही है. तरुण गोगोई ने भी बदरुद्दीन अजमल का विरोध किया था, लेकिन उनके बेटे आज उससे ही गले मिल रहे हैं.