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असम के 17वीं सदी के युद्ध नायक लचित बरफुकान पर मोबाइल ऐप, पोर्टल लॉन्च

असम के 17वीं सदी के युद्ध नायक बीर लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार ने बुधवार को एक मोबाइल एप्लिकेशन और एक पोर्टल लॉन्च किया. अधिकारियों ने कहा कि मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल को इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि असम और विदेशों में आम जनता को एक मंच प्रदान किया जा सके, जिसमें महान अहोम सेना के जनरल को उनकी 400वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके.

Updated on: 27 Oct 2022, 01:31 PM

गुवाहाटी:

असम के 17वीं सदी के युद्ध नायक बीर लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार ने बुधवार को एक मोबाइल एप्लिकेशन और एक पोर्टल लॉन्च किया. अधिकारियों ने कहा कि मोबाइल एप्लिकेशन और पोर्टल को इस तरह से डिजाइन किया गया है, ताकि असम और विदेशों में आम जनता को एक मंच प्रदान किया जा सके, जिसमें महान अहोम सेना के जनरल को उनकी 400वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की जा सके. 

जनता के उपयोग के लिए खुला मोबाइल एप्लिकेशन एंड्रॉइड और आईओएस दोनों संचालित फोन में उपयोग के लिए बुधवार से उपलब्ध होगा. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि पोर्टल का उद्देश्य लचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह को चिह्न्ति करना है, जिसे उन्होंने असम के सबसे योग्य पुत्रों में से एक कहा.

योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी 24 नवंबर को होने वाले जयंती समारोह के इर्द-गिर्द एक जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा और सभी क्षेत्रों के लोगों को अपनी राय व्यक्त करने और लचित बरफुकन को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि 18 नवंबर को राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय लचित बरफुकान विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करेंगे.

18 नवंबर से जिला प्रशासन 600 साल के गौरवशाली अहोम शासन पर प्रख्यात हस्तियों के भाषण जैसे सप्ताह भर चलने वाले सांस्कृतिक, खेल और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन करेगा. सरमा ने 23 नवंबर से दिल्ली में लचित बरफुकन की 400वीं जयंती के दो दिवसीय उत्सव की तैयारियों के बारे में भी बताया.

उन्होंने कहा कि 23 नवंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया गया है, जिसके दौरान असम सरकार 17वीं सदी के महान सेनापति के जीवन और कार्यो पर एक किताब और एक वृत्तचित्र का विमोचन करेगी. लचित बरफुकन की 400वीं जयंती का एक साल का जश्न औपचारिक रूप से भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने 23 फरवरी को शुरू किया था.