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गांधी पोशाक में आया व्यक्ति, देने लगा 2.63 लाख का चेक, अधिकारियों ने लेने से किया मना

तमिलनाडु की सरकार इस समय कर्ज में डूबी हुई है. इसी बीच तमिलनाडु के नमक्कल से ऐसी अजीब घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति गांधी की पोशाक पहने जिला कलेक्टर के दफ्तर पहुंच गया. यह व्यक्ति तमिलनाडु सरकार की आर्थिक मदद करने के लिए यहां पहुंचा था.

Updated on: 11 Aug 2021, 12:44 PM

highlights

  • तमिलनाडु में गांधी पोशाक पहने कलेक्टर के दफ्तर पहुंचा एक व्यक्ति
  • सरकार की आर्थिक मदद के लिए 2.63 लाख का चेक सौंपने की कोशिश की
  • अधिकारियों ने इस चेक को स्वीकार करने से किया मना

चेन्नई:

तमिलनाडु की सरकार इस समय कर्ज में डूबी हुई है. इसी बीच तमिलनाडु के नमक्कल से ऐसी अजीब घटना सामने आई है, जिसमें एक व्यक्ति गांधी की पोशाक पहने जिला कलेक्टर के दफ्तर पहुंच गया. यह व्यक्ति तमिलनाडु सरकार की आर्थिक मदद करने के लिए यहां पहुंचा था. पड़ताल करने पर पता चला कि गांधी पोशाक पहने यह व्यक्ति अधिकारियों को 2.63 लाख रुपये का चेक सौंपने के लिए यहां आया था, हालांकि अधिकारियों ने इस चेक को स्वीकार करने से मना कर दिया और वह चेक नहीं लिया. इस पर व्यक्ति की मदद करने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी.

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क्या था गांधी पोशाक वाले व्यक्ति का मकसद?

गांधी पोशाक में कलेक्टर ऑफिस पहुंचे इस शख्स का नाम गांधी रमेश बताया जा रहा है. गांधी रमेश नाम का यह व्यक्ति महात्मा गांधी का अनुयायी है. इस व्यक्ति ने सरकार के कर्ज को चुकाने में मदद करने के लिए राज्य को 2,63,976 रुपये दान करने का फैसला किया था. हालांकि उन्होंने राज्य के अधिकारियों से चेक लेने और बदले में अपने परिवार को शून्य ऋण रसीद जारी करने का अनुरोध किया. पूछने पर गांधी रमेश ने बताया कि उन्होंने ऐसा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए यह पहल की है, जिससे सरकार पर कर्ज का बोझ कम हो सके और सरकार जल्द से जल्द कर्ज से मुक्त हो सके.

वित्त मंत्री पी थियागा राजन ने कही थी राज्य पर कर्ज की बात

मालूम हो कि बीते सोमवार को तमिलनाडु के वित्त मंत्री पी थियागा राजन द्वारा राज्य की वित्तीय स्थिति पर एक श्वेत पत्र जारी किया गया था जिसमें कहा गया कि राज्य सरकार वित्तीय संकट का सामना कर रही है. उन्होंने इसके लिए राज्य में पूर्व अन्नाद्रमुक सरकार द्वारा अनुचित शासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि मार्च 2022 तक राज्य का कुल बकाया कर्ज 5,70,189 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा. चूंकि तमिलनाडु में 2,16,24,238 परिवार हैं, इसका मतलब है कि प्रत्येक परिवार पर सार्वजनिक कर्ज का बोझ 2,63,976 रुपये होगा. वित्त मंत्री द्वारा जारी किये गये इसी आंकड़े के अनुसार, गांधी पोशाक में आया व्यक्ति सरकार की मदद करने आया था. वह अपने हिस्से का यह ऋण चुकाकर प्रदेश को कर्जमुक्त बनाने में अपना योगदान देना चाहता था.