Tamil Nadu GDQ Plot Scam: ED ने पूर्व IAS और अन्य की संपत्ति कुर्क की
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने तीन लोगों- तमिलनाडु के पूर्व आईजी पुलिस (इंटेलिजेंस विंग) एमएस जाफर सैत की पत्नी परवीन जाफर, तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के पूर्व सचिव आर दुर्गाशंकर और लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन, चेन्नई के टी उदयकुमार की 14.23 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा सात व्यक्तियों, जाफर सैत और उनकी पत्नी परवीन, तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड के कार्यकारी अभियंता के. मुरुगैया, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव के. राजामनिकम, तमिलनाडु सरकार के पूर्व आवास मंत्री आई. पेरियासामी, आर. दुगार्शंकर, लैंड मार्क कंस्ट्रक्शन के टी. उदयकुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की.
नई दिल्ली:
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उन्होंने तीन लोगों- तमिलनाडु के पूर्व आईजी पुलिस (इंटेलिजेंस विंग) एमएस जाफर सैत की पत्नी परवीन जाफर, तमिलनाडु के तत्कालीन मुख्यमंत्री के पूर्व सचिव आर दुर्गाशंकर और लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन, चेन्नई के टी उदयकुमार की 14.23 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है. ईडी ने सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) द्वारा सात व्यक्तियों, जाफर सैत और उनकी पत्नी परवीन, तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड के कार्यकारी अभियंता के. मुरुगैया, तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के तत्कालीन सचिव के. राजामनिकम, तमिलनाडु सरकार के पूर्व आवास मंत्री आई. पेरियासामी, आर. दुगार्शंकर, लैंड मार्क कंस्ट्रक्शन के टी. उदयकुमार के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की.
ईडी को जांच के दौरान पता चला था कि सरकारी विवेकाधीन कोटा, यानी जीडीक्यू भूखंडों का गलत आवंटन तमिलनाडु सरकार के तत्कालीन आवास और शहरी विकास मंत्री आई. पेरियासामी द्वारा किया गया था. जाफर सैत को जीडीक्यू के तहत इस तरह के आवंटन के लिए पात्र न होने के बाद आवासीय भूखंड आवंटित किया गया था. राजामनिकम, जो तत्कालीन मुख्यमंत्री थिरु एम करुणानिधि के तत्कालीन सचिव थे.
परवीन जाफर और आर दुर्गाशंकर ने इस घोटाले के तहत संयुक्त भूमि के संयुक्त विकास के लिए लैंडमार्क कंस्ट्रक्शन के उदयकुमार के साथ एक समझौता किया. उदयकुमार ने अच्छी तरह से जानते हुए भी कि समझौते के लिए आवंटी मालिक नहीं थे, उक्त अपराध का वित्त पोषण किया. उदयकुमार से प्राप्त उक्त मौद्रिक प्रतिफल का उपयोग परवीन जाफर और आर दुर्गाशंकर द्वारा तमिलनाडु हाउसिंग बोर्ड द्वारा अवैध रूप से आवंटित भूखंडों की लागत का भुगतान करने के लिए किया गया था.
परवीन जाफर, आर. दुर्गाशंकर और टी. उदयकुमार ने उक्त आवंटित भूखंडों पर एक बहु-मंजिला अपार्टमेंट बनाकर अपराध की बड़ी मात्रा में आय अर्जित की और आम जनता को फ्लैट बेचकर पैसे की वसूली की. उनमें से उत्पन्न अपराध की कुल आय में से 14.86 करोड़ रुपये, 14.23 करोड़ रुपये की चल और अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है. मामले में आगे की जांच जारी थी.
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