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मुबीन और उसके साथियों ने बड़े विस्फोट की बनाई थी योजना : TN Police

23 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुए कार ब्लास्ट मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दक्षिण भारत में बड़ा विस्फोट करने की योजना बनाई थी. तमिलनाडु पुलिस की जांच टीम के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मुबीन के आत्मघाती हमलावर होने की संभावना अधिक है, क्योंकि पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में केमिकल्स पाए गए हैं. गौरतलब है कि रविवार तड़के जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे मुबिन चला रहा था, जिसमें वह मारा था. मृतक मुबीन के व्हाट्सएप स्टेटस से यह भी पता चला कि उसे पहले से पता था कि वह मरने वाला है.

Updated on: 26 Oct 2022, 02:39 PM

चेन्नई:

23 अक्टूबर को तमिलनाडु के कोयंबटूर में हुए कार ब्लास्ट मामले में 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने दक्षिण भारत में बड़ा विस्फोट करने की योजना बनाई थी. तमिलनाडु पुलिस की जांच टीम के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि मुबीन के आत्मघाती हमलावर होने की संभावना अधिक है, क्योंकि पोस्टमार्टम के दौरान उसके शरीर में केमिकल्स पाए गए हैं. गौरतलब है कि रविवार तड़के जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे मुबिन चला रहा था, जिसमें वह मारा था. मृतक मुबीन के व्हाट्सएप स्टेटस से यह भी पता चला कि उसे पहले से पता था कि वह मरने वाला है.

जांच दल के अनुसार, मुबीन के आवास पर की गई तलाशी में कोयंबटूर रेलवे स्टेशन, शहर के पुलिस आयुक्त कार्यालय, कोयंबटूर कलेक्ट्रेट, रेस कोर्स और विक्टोरिया हॉल का रोडमैप मिला, जिससे पता चलता है कि मृतक और उसके साथी कुछ बड़े विस्फोटों की योजना बना रहे थे.

सीसीटीवी फुटेज से पता चला है कि मुबीन और उसके तीन साथी कार में दो गैस सिलेंडर और कुछ विस्फोटक ले जा रहे थे. ऐसे में शक है कि मुबीन आत्मघाती हमलावर हो सकता है.

पुलिस सूत्रों ने आईएएनएस को यह भी बताया कि आरोपी का आईएस (इस्लामिक स्टेट) से सीधा संपर्क था और आरोपी फैजल को आईएस के साथ संबंधों के कारण 2020 में यूएई से निर्वासित कर दिया गया था. मुस्लिम युवकों को आईएस की विचारधारा में भर्ती करने की कोशिश करने के आरोप में वियूर जेल में बंद मोहम्मद अजहरुद्दीन का मुबीन से गहरा नाता था.

इस बीच, कार विस्फोट का पूरा ब्योरा नहीं देने पर विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने बुधवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि द्रमुक सरकार राज्य में इस तरह की आतंकी गतिविधियों को फैलने से रोकने में बुरी तरह विफल रही है.

आरोपियों पर गैरकानूनी अत्याचार निवारण अधिनियम (यूएपीए) लगाने के साथ, राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पहले ही मामले को अपने हाथ में ले लिया है और प्रारंभिक जांच शुरू कर दी है.