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(source : IANS)( Photo Credit : Twitter)
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तमिलनाडु स्वास्थ्य विभाग जिला सर्जनों और सहायक सर्जनों सहित सरकारी अस्पतालों के सर्जनों की एक बैठक आयोजित करेगा. मामला एक किशोर फुटबॉलर के लिगामेंट टियर की सर्जरी के बाद का है, जिसमें सर्जरी के बाद दाहिने पैर में संक्रमण फैल गया और फुटबॉलर के दाहिने पैर को काटना पड़ा. पैर काटने के बाद मंगलवार को मल्टी आर्गन फेलियर से उसकी मौत हो गई. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सुब्रमण्यम ने आईएएनएस को बताया कि राज्य सरकार ने डॉक्टरों के लिए सर्जरी का कोई लक्ष्य तय नहीं किया है. उन्होंने यह भी कहा कि हर सर्जरी के लिए एक आडिट आवश्यक है और कहा कि इस तरह का आडिट तमिलनाडु में शिशु और मातृ मृत्यु पर किया जाता है.
राज्य का स्वास्थ्य विभाग इस तरह के सर्जरी आडिट तब करता है, जब डॉक्टरों को प्रशिक्षित करना होता है. अगले सप्ताह चेन्नई में होने वाली बैठक में सर्जरी पर विस्तृत चर्चा होगी. आरोप लगाया जा रहा था कि सरकारी अस्पताल के सर्जन काम के भारी दबाव का सामना कर रहे थे और कुछ मामलों में, सर्जरी विफल हो जाती है और डॉक्टरों को इसके लिए दोषी ठहराया जाता है.
चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल के एक वरिष्ठ सर्जन ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, सर्जन ओवरटाइम काम कर रहे हैं और ओवरलोड ज्यादातर डॉक्टरों पर है. डॉक्टर तकनीकी रूप से कभी विफल नहीं हो सकते, आपरेशन थिएटरों में लंबा और कठिन काम डॉक्टरों को कमजोर बनाता है. वैसे भी सरकार अब सर्जिकल आडिट की योजना बना रही है और हम इस कदम का स्वागत करते हैं.
असफल सर्जरी के कारण फुटबॉलर के निधन से डॉक्टरों को निशाना बनाया जा रहा है और राज्य का स्वास्थ्य विभाग यह स्पष्ट करने के लिए सर्जनों की बैठक आयोजित कर रहा है कि डॉक्टरों को सर्जरी आडिट पर उचित मार्गदर्शन प्रदान किया जाएगा.
Source : IANS