अपना जीवन समाप्त कर चुके लोगों को याद करने के लिए शुरू की गई उपासना पहल

अल्फा ने 3 मई 2005 को अपनी सेवा शुरू की थी. तब से यह अस्पताल में भर्ती लोगों की देखभाल, होम केयर और फिजियोथेरेपी सेवा प्रदान कर रहा है और इसने राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी पहुंच स्थापित कर ली है.

अल्फा ने 3 मई 2005 को अपनी सेवा शुरू की थी. तब से यह अस्पताल में भर्ती लोगों की देखभाल, होम केयर और फिजियोथेरेपी सेवा प्रदान कर रहा है और इसने राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी पहुंच स्थापित कर ली है.

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Shailendra Kumar
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Alpha Palliative

उपासना पहल( Photo Credit : IANS)

जरूरतमंदों के लिए सुखदायक और प्रेमपूर्ण देखभाल प्रदान करने के साथ अपने 16वें वर्ष में प्रवेश करते हुए, थ्रिसुर स्थित अल्फा पैलिएटिव केयर ने अपनी सेवाओं के लिए एक नई सुविधा शुरू की है और इसने इसे 'उपासना' नाम दिया है, जो उन सभी को याद रखेगी जिनका उनकी देखरेख के दौरान निधन हुआ है. अल्फा 3 मई को अपनी सालगिरह मनाता है और अब तक इसने स्वयंसेवकों द्वारा पूरी तरह से बीमार या पुराने रोगों से ग्रस्त 35,119 लोगों को अपनी सेवाएं दी हैं, जिनमें से अब केवल 8,006 लोग जीवित हैं.

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अल्फा ने 3 मई 2005 को अपनी सेवा शुरू की थी. तब से यह अस्पताल में भर्ती लोगों की देखभाल, होम केयर और फिजियोथेरेपी सेवा प्रदान कर रहा है और इसने राज्य के विभिन्न जिलों में अपनी पहुंच स्थापित कर ली है. खास बात यह है कि इसकी सेवाएं बिल्कुल मुफ्त हैं. 'उपासना' सोमवार को यहां लॉन्च की गई थी और 19 अप्रैल को उन 55 लोगों को याद किया गया, जिन्होंने अपनी जान गंवा दी थी. इसके अध्यक्ष के. एम. नॉर्दीन ने संयुक्त अरब अमरीता (यूएई) से इस कार्यक्रम का ऑनलाइन उद्घाटन किया.

अगले दिन 56 मृतकों को याद किया गया, जबकि इसके बाद बुधवार को 44 लोगों को याद करना निर्धारित है. उद्घाटन समारोह में अल्फा के होम केयर के लोगों ने दीप प्रज्वलित किया. मृतक के परिवार के सदस्यों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया और मृतक के परिजनों ने अल्फा से जुड़ीं तमाम यादें भी साझा कीं.

अल्फा स्टूडेंट्स एसोसिएशन ऑफ पैलिएटिव केयर के स्वयंसेवक 10 छात्रों ने मृतक के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और फिर प्रार्थना में भाग लिया. यूएई के प्रमुख व्यवसायी नॉर्दीन ने कहा कि छात्र आने वाले दिनों में विभिन्न बैच में मृतकों को श्रद्धांजलि देंगे. अल्फा स्वयंसेवकों के ध्यान और देखभाल के तहत अब तक 27,113 व्यक्तियों ने मौत को गले लगाया है.

उनमें से ज्यादातर ऐसे मरीज थे जो या तो बुजुर्ग थे या फिर उन्हें डॉक्टरों ने काफी बीमार घोषित कर दिया था. नॉर्दीन ने कहा, उपासना दिवंगत लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के साथ-साथ उनकी यादों को भी जीवित रखना चाहती हैं. कार्यक्रम में बच्चों को शामिल करने से अल्फा का उद्देश्य युवा लोगों में बुजुर्गों के प्रति सम्मान और सहानुभूति पैदा करना है. इस पहल के साथ राज्य में उन स्थानों पर देखभाल को लेकर जागरूकता फैलाने को लेकर अधिक ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जहां बुजुर्गों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है.

उपासना के तहत, हर दिन दो प्रार्थना सत्र सुबह 10 बजे और दोपहर 12 बजे आयोजित किए जाएंगे. हर दिन अल्फा केयर के तहत लोगों की तस्वीर, पते और अन्य विवरण प्रदर्शित किए जाएंगे और उन्हें बिना किसी अमीर-गरीब का भेद किए बिना याद किया जाएगा.

Source : IANS

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