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केरल :स्वप्ना सुरेश ने माकपा के शीर्ष नेताओं पर लगाया यौन शोषण का आरोप

केरल के सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने माकपा के तीन शीर्ष नेताओं पर यौन दुराचार का आरोप लगाया है, जिससे एक नया विवाद पैदा हो गया है. स्वप्ना पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके परिवार को निशाना बनाती रही है. स्वप्ना ने शुक्रवार रात एक प्रमुख स्थानीय टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार के दौरान यह आरोप लगाया.

Updated on: 22 Oct 2022, 06:26 PM

तिरुवनंतपुरम:

केरल के सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश ने माकपा के तीन शीर्ष नेताओं पर यौन दुराचार का आरोप लगाया है, जिससे एक नया विवाद पैदा हो गया है. स्वप्ना पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और उनके परिवार को निशाना बनाती रही है. स्वप्ना ने शुक्रवार रात एक प्रमुख स्थानीय टीवी चैनल के साथ साक्षात्कार के दौरान यह आरोप लगाया.

ऐसा ही एक मामला 2014-2016 में सामने आया था. उस समय विजयन और उनके शीर्ष अधिकारियों ने सौर घोटाले की आरोपी सरिता नायर के कार्यालय के कर्मचारियों के करीबी होने का पता चलने पर तत्कालीन मुख्यमंत्री ओमन चांडी की कड़ी आलोचना की थी. स्वप्ना के अनुसार, दो नेताओं - पूर्व राज्यमंत्री और मौजूदा विधायक कडकम्पल्ली सुरेंद्रन और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष पी. श्रीरामकृष्णन ने उसे भद्दे संदेश भेजे, पूर्व वित्तमंत्री थॉमस इसाक ने उन्हें पर्यटन हिल स्टेशन मुन्नार में आमंत्रित किया था.

स्वप्ना ने सार्वजनिक रूप से तीनों नेताओं के नाम लिए. उसका बयान आने के 12 घंटे से अधिक का समय होने के बावजूद सत्तारूढ़ माकपा की ओर से पूरी तरह चुप्पी है.

एक मीडिया समीक्षक ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर स्वप्ना ने विजयन की बेटी पर कथित तौर पर कोविड डेटा बेचने और बिरयानी की खेप में सोना छुपाकर तस्करी के बारे में भी आरोप लगाया है. साथ ही, एक पूर्व महिला मित्र के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के मामले पिछले 11 दिनों से फरार कांग्रेस विधायक एल्धोस कुन्नपिल्ली अग्रिम जमानत मिलने के बाद शनिवार को पुलिस जांच टीम के सामने पेश हुए.

मीडिया समीक्षक ने कहा, अब यह देखना बाकी है कि क्या कांग्रेस कुन्नपिल्ली के खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी और अगर ऐसा होता है तो माकपा दबाव में होगी. इससे भी ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि स्वप्ना ने विजयन सहित इन शीर्ष नेताओं को चुनौती देने के बाद भी, उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर नहीं किया है. इसलिए सबकी नजर सत्तारूढ़ माकपा के अगले कदम पर है.