logo-image

कैबिनेट में जगह नहीं मिलने पर शैलजा ने कहा, सही फैसला, सबको मिलना चाहिए मौका

केरल में कोरोना वायरस महामारी में अपनी नीतियों और मैनेजमेंट की वजह से चर्चा में रहने वाली स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को नई सरकार में जगह नहीं मिला है. भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे केके शैलजा की जगह अब कोई नया विधायक इस विभाग की जिम्मेदारी संभा

Updated on: 18 May 2021, 08:23 PM

highlights

  • सीएम विजयन की कैबिनेट में नए चेहरों की एंट्री
  • केके शैलजा समेत पुराने मंत्रियों का पत्ता कटा
  • सही फैसला, सबको मिलना चाहिए मौका : केके शैलजा

तिरुवनंतपुरम:

केरल में कोरोना वायरस महामारी में अपनी नीतियों और मैनेजमेंट की वजह से चर्चा में रहने वाली स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा को नई सरकार में जगह नहीं मिला है. भारी मतों से जीतकर विधानसभा पहुंचे केके शैलजा की जगह अब कोई नया विधायक इस विभाग की जिम्मेदारी संभालेंगे. ऐसे में केके शैलजा का कहना है कि ये पार्टी की नीति से जुड़ा फैसला और अच्छा है.केके शैलजा ने कहा- ये बहुत अच्छा है कि कैबिनेट में नए लोगों को मौका मिला है. हर एक को मौका मिलना चाहिए. हमारी पार्टी में कई प्रतिष्ठित लोग हैं, जिन्हें मौका मिलना ही चाहिए. पार्टी ने पिछले कार्यकाल में मुझे मंत्री बनाने का तय किया था और मैं अपने कार्यकाल से संतुष्ट हूं. मैंने बतौर मंत्री बहुत मेहनत की और ये बहुत अच्छा अनुभव था. 

केरल के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक जीत है. एलडीएफ फिर से सत्ता में आया है, पहले एलडीएफ और यूडीएफ की वैकल्पिक सरकारें हुआ करती थीं. यह एक अच्छा संकेत है. हम समाज में कई बदलाव कर सकते हैं और मुझे लगता है कि आने वाली एलडीएफ सरकार भी समाज में बदलाव के लिए काम करेगी. केके शैलजा ने कहा कि सभी ने अपने-अपने विभागों में कड़ी मेहनत की. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि केवल मुझे जारी रखना चाहिए. मेरे जैसे और भी बहुत से लोग हैं, वे भी मेहनत कर सकते हैं. यह बहुत अच्छा फैसला है.

बता दें कि केरल के नए कैबिनेट से सभी मौजूदा मंत्रियों को हटा दिया गया, जिनमें स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा भी शामिल हैं. इतना ही नहीं, केरल में किसी भी पुराने मंत्री को कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिली है. सिर्फ मुख्यमंत्री पी विजयन ही पुराने चेहरे के तौर पर अपना कार्यभार जारी रखेंगे. हालांकि पार्टी के इस फैसले के बाद कई राजनैतिक सवाल खड़े हो रहे हैं लेकिन पार्टी ने साफ कर दिया है कि नए चेहरों को मौका देने के लिए ये फैसला लिया गया है. सीपीआई (एम) राज्य समिति ने पिनरई विजयन को संसदीय दल का नेता और मुख्यमंत्री नियुक्त किया है.