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प्रदर्शन के दौरान पुलिस के बल प्रयोग से कांग्रेस के राज्यसभा MP घायल

लगातार चौथे दिन राज्य की राजधानी में तिरुवनंतपुरम निगम महापौर के इस्तीफे की मांग कर रहे भाजपा और कांग्रेस के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद भी शामिल थे. प्रदर्शनकारी 295 माकपा कार्यकर्ताओं को नौकरी देने के प्रयास के लिए मेयर आर्य राजेंद्रनी के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं. गुरुवार सुबह एक तरफ कांग्रेस की कार्यकर्ता और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता निगम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे थे और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जेबी मेथर के धरने में हिस्सा लेने के दौरान पुलिस हमले की चपेट में आने के बाद हंगामा शुरू हो गया, जिन्हें बाद में अस्पताल ले जाया गया.

Updated on: 10 Nov 2022, 06:01 PM

तिरुवनंतपुरम:

लगातार चौथे दिन राज्य की राजधानी में तिरुवनंतपुरम निगम महापौर के इस्तीफे की मांग कर रहे भाजपा और कांग्रेस के प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हो गई, जिसमें कांग्रेस के राज्यसभा सांसद भी शामिल थे. प्रदर्शनकारी 295 माकपा कार्यकर्ताओं को नौकरी देने के प्रयास के लिए मेयर आर्य राजेंद्रनी के इस्तीफा की मांग कर रहे हैं. गुरुवार सुबह एक तरफ कांग्रेस की कार्यकर्ता और भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता निगम कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन कर रहे थे और कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जेबी मेथर के धरने में हिस्सा लेने के दौरान पुलिस हमले की चपेट में आने के बाद हंगामा शुरू हो गया, जिन्हें बाद में अस्पताल ले जाया गया.

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे, वाटर कैनन और लाठियों का भी इस्तेमाल किया. अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने वाले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वे पूरे राज्य में अपना आंदोलन तेज करने जा रहे हैं क्योंकि यह आंदोलन हर जगह हो रहा है और माकपा कार्यकर्ताओं को पिछले दरवाजे से नौकरी दी गई है. सुरेंद्रन ने कहा, हम ऐसा नहीं होने देंगे और अब पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेंगे. महापौर को इस्तीफा देना चाहिए और परिषद को भंग कर देना चाहिए.

मेथर ने कहा, हां, हम इस मेयर को तिरुवनंतपुरम में नहीं चाहते हैं और इसलिए उन्हें कोझीकोड जाने दें. अपराध शाखा पुलिस को राज्य पुलिस प्रमुख द्वारा पत्र विवाद के बारे में एक रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है और इसने प्रदर्शनकारियों को परेशान किया है क्योंकि सामान्य परिस्थितियों में भी पुलिस मामला दर्ज करती है. आंकड़ों के अनुसार रोजगार कार्यालय में पंजीकृत 40 लाख से अधिक युवा अस्थायी/स्थायी सरकारी नौकरी की प्रतीक्षा कर रहे हैं.