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T-20 World Cup में धोनी का मेंटर बनना शास्त्री पर खड़े कर रहा सवाल...

क्या यह उस टीम के लिए एक अल्पकालिक टॉनिक है जो अक्सर आईसीसी आयोजनों में लड़खड़ाती है या भविष्य में धोनी की बड़ी भूमिका का इंतजार है?

Updated on: 10 Sep 2021, 10:38 AM

highlights

  • सुनील गावस्कार ने भी धोनी-शास्त्री समीकरण पर रखी राय
  • बीसीसीआई के ऐलान के वक्त सौरव गांगुली रहे अनुपस्थित
  • बतौर मुख्य कोच शास्त्री की जगह देखा जा रहा है धोनी को

मुंबई:

आगामी आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप (T-20 World Cup) के लिए महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) को टीम इंडिया का मेंटर बनाए जाने के साथ ही हर क्रिकेट फैन के मन में कई सवाल उठ रहे हैं कि बीसीसीआई (BCCI) ने पूर्व भारतीय कप्तान को क्यों चुना? क्या यह उस टीम के लिए एक अल्पकालिक टॉनिक है जो अक्सर आईसीसी आयोजनों में लड़खड़ाती है या भविष्य में धोनी की बड़ी भूमिका का इंतजार है? इससे एक और सवाल उठता है कि मुख्य कोच के रूप में रवि शास्त्री (Ravi Shastri) का भविष्य अब कितना सुरक्षित है? सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई सचिव जय शाह ने धोनी को भारतीय टीम (Team India) में मेंटर के तौर पर लाने की पहल शुरू कर दी थी. बहुत कम लोग यहां तक कि बीसीसीआई के बड़े से बड़े अधिकारी भी इस कदम के बारे में नहीं जानते थे.

इस घोषणा के वक्त मौजूद नहीं रहे गांगुली
दिलचस्प बात यह है कि बुधवार को वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़े फैसले की घोषणा के समय बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली मौजूद नहीं थे. उनकी अनुपस्थिति को कई नेटिजन्स ने भी महसूस किया था. हालांकि बीसीसीआई प्रमुख के पास अपने कारण थे क्योंकि वह वर्तमान में इंग्लैंड में टीम के साथ दौरा कर रहे हैं. उम्मीद की जा रही है कि धोनी कप्तान विराट कोहली के साथ मिलकर काम करेंगे और उन्हें अपने फैसलों में सबसे ऊपर रखेंगे. धोनी अपने तेज निर्णय लेने के कौशल के लिए जाने जाते हैं और कोहली और शास्त्री दोनों के साथ उनके संबंध भारतीय ड्रेसिंग रूम में सकारात्मक उत्थान लाने के लिए तैयार हैं या सिर्फ ऐसा माना जाता है.

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विक्रम राठौर भी बड़ी जिम्मेदारी की दौड़ में
ऐसी भी चर्चा है कि अगर शास्त्री का अनुबंध नहीं बढ़ाया गया, तो बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है. हालांकि यह प्रयोग कितना अच्छा साबित होगा यह अगले महीने देखा जाएगा जब यूएई और ओमान में टी20 विश्व कप का मेगा इवेंट शुरू होगा. इस बीच अधिकांश पूर्व क्रिकेटरों ने इस महान कदम का स्वागत किया है. भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने एक समस्या के बारे में आगाह किया है जो टीम इंडिया अब टी20 विश्व कप में सामना कर सकती है. उनकी चिंता यह है कि जब दो दिग्गज, शास्त्री और धोनी -एक साथ बैठेंगे तो रणनीति और टीम चयन पर किस तरह चर्चा करेंगे.

धोनी-शास्त्री की जोड़ी कर सकती है फायदा
एक समाचार चैनल से बात करते हुए गावस्कर ने 2004 की एक घटना को याद किया जब वह एक सलाहकार के रूप में भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हुए थे, लेकिन तत्कालीन मुख्य कोच जॉन राइट को अपनी भूमिका के बारे में चिंता होने लगी थी. इस अनुभव का हवाला देते हुए गावस्कर ने चिंता जताई कि रणनीति और टीम चयन पर इस तरह की किसी भी तरह की असहमति का टीम पर कुछ असर पड़ सकता है. गावस्कर ने कहा, 'शास्त्री और धोनी में अगर साझेदारी अच्छी रही तो भारत को इससे काफी फायदा होगा, लेकिन अगर रणनीति और टीम चयन को लेकर असहमति है तो टीम पर थोड़ा असर हो सकता है.

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हालांकि सीएसके की कप्तानी कर रहे हैं धोनी
एक वरिष्ठ खिलाड़ी के रूप में पहले टीम इंडिया के साथ और वर्तमान में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के साथ 2011 विश्व कप विजेता कप्तान हमेशा अपनी टीम के सदस्यों के लिए एक मार्गदर्शक शक्ति रहे हैं. यह संभव है कि बोर्ड धोनी को शास्त्री के लिए दीर्घकालिक प्रतिस्थापन के रूप में देख जा रहा हो. अगर भारत टी-20 विश्व कप जीत जाता है और शास्त्री ने संन्यास लेने का फैसला किया, तो धोनी निश्चित रूप से एक मजबूत दावेदार होंगे. शास्त्री 2017 से पूर्णकालिक कोच हैं. उनको तीसरा कार्यकाल दिए जाने की संभावना नहीं है और एक नया चेहरा देखा जा सकता है, लेकिन केवल एक बाधा है. धोनी अभी भी सीएसके के कप्तान हैं और वह आईपीएल में खेलना जारी रखना चाहेंगे.

हितों के टकराव की शिकायत हुई दर्ज
अच्छी खबरों के बीच बीसीसीआई की शीर्ष परिषद को गुरुवार को कथित तौर पर लोढ़ा समिति के सुधारों में हितों के टकराव खंड का हवाला देते हुए धोनी की नियुक्ति के खिलाफ एक शिकायत मिली. खबरों के मुताबिक मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के पूर्व आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता ने शीर्ष परिषद सदस्यों को पत्र भेजकर कहा है कि धोनी की नियुक्ति हितों के टकराव के खंड का उल्लंघन है, जिसके तहत एक व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता है. हालांकि बीसीसीआई के एक अधिकारी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा, टीम चयन में एक संरक्षक का कोई अधिकार नहीं है और कुछ निश्चित नहीं है कि धोनी अगले सत्र में सीएसके के लिए खेलेंगे या नहीं.