World Boxing Championship 2018: मैरी कॉम छठी बार बनीं विश्व चैम्पियन, सोनिया को सिल्वर
ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम (mary kom) ने शनिवार को अपना छठा विश्व चैम्पियनशिप (Women world Boxing Championship) खिताब जीत लिया. वहीं 57 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की सोनिया चहल को फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा
नई दिल्ली:
ओलम्पिक कांस्य पदक विजेता भारत की दिग्गज मुक्केबाज एमसी मैरी कॉम (mary kom) ने शनिवार को अपना छठा विश्व चैम्पियनशिप (Women world Boxing Championship) खिताब जीत लिया. वहीं 57 किलोग्राम भारवर्ग में भारत की सोनिया चहल को फाइनल में हार के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा. 'मेग्नीफिसेंट मैरी' नाम से मशहूर 35 साल की मैरी कॉम ने यहां इंदिरा गांधी स्टेडियम के केडी जाधव हॉल में जारी 10वीं आईबा महिला विश्व चैम्पियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में यूक्रेन की हना ओखोटा को 5-0 से मात देकर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया.
यह मैरी कॉम का विश्व चैम्पियनशिप में छठा स्वर्ण और कुल सातवां पदक है. मैरी कॉम विश्व चैम्पियनशिप में छह स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली महिला मुक्केबाज बन गई हैं. उनसे पहले आयरलैंड की कैटी टेलर ने ने 60 किलोग्राम भारवर्ग में 2006 से 2016 के बीच पांच स्वर्ण पदक अपने नाम किए थे. उनके नाम एक कांस्य पदक भी है.
यही नहीं, मैरी विश्व चैम्पियनशिप (महिला एवं पुरुष) में सबसे अधिक पदक भी जीतने वाली खिलाड़ी बन गए हैं. मैरी कॉम छह स्वर्ण और एक रजत जीत कर क्यूबा के फेलिक्स सेवोन (91 किलोग्राम भारवर्ग) की बराबरी की. फेलिक्स ने 1986 से 1999 के बीच छह स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.
मैरी कॉम इस जीत के बाद भावुक हो गईं. उन्होंने कहा, 'मैं इस जीत के लिए अपने सभी प्रशंसकों का शुक्रिया अदा करती हूं, जो मुझे यहां समर्थन करने के लिए आए. मैं आप सभी की तहेदिल से शुक्रगुजार हूं. मेरे लिए यह महान पल है.'
पहले राउंड में दोनों खिलाड़ी सावधानी से एक दूसरे खेल को परख रहीं थीं और इसलिए ज्यादा आक्रमण नहीं कर रहीं थीं. दोनों ने अपने राइट पंच का अच्छा इस्तेमाल किया. मैरी ने कुछ पंच मारे, जिनमें से कुछ अच्छे सही निशाने पर लगे. इस बीच, हालांकि हना ने भी अपने राइट जैब का अच्छा उपयोग किया लेकिन मैरी कॉम अपनी फुर्ती से उनके अधिकतर पंचों को नाकाम करने में सफल रहीं.
दूसरे राउंड में दोनों ने आक्रामकता दिखाई और राइट जैब के साथ फिस्ट के संयोजन से हावी होने की कोशिश की. रणनीति दोनों खिलाड़ियों को एक जैसी थी. शुरुआत में हना ने अच्छे पंच मारे जो सटीक रहे. हालांकि दूसरे राउंड के अंत में मैरी कॉम ने दूरी बनाते हुए अपने लिए मौके बनाए और फिर समय पर पंच मार अंक बटोरे.
तीसरे राउंड की शुरुआती एक मिनट में मैरी ने राइट और लेफ्ट जैब के संयोजन से तीन-चार अच्छे पंच स्कोरिंग एरिया में मार जजों को प्रभावित किया लेकिन यहां से हना बेहद आक्रामक हो गईं और मैरी को उन्हें संभालना थोड़ा मुश्किल हो गया.
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अनुभवी मैरी ने धैर्य बनाए रखा और जब हना लापरवाह दिखीं तब पंच मार अंक बटोरे.
वहीं सोनिया को जर्मनी की गेब्रिएल वाहनेर ने 57 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में मात दी.
भारतीय मुक्केबाज को वाहनेर ने 4-1 से मात देकर स्वर्ण पदक जीतने से रोक दिया. पांच जजों ने 29-28, 29-28, 28-29, 29-28, 29-28 से फैसला जर्मनी की खिलाड़ी के पक्ष में दिया.
अन्य भारवर्ग के फाइनल मुकाबलों में से दक्षिण कोरिया की चोल मी पेंग ने कजाकिस्तान की झाइना शेकेरबेकोवा को 5-0 से हराते हुए 51 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण जीता. 54 किलोग्राम भारवर्ग में चीनी ताइपे की यु तिंग लिन ने बुल्गारिया की स्टोयका पेट्रोवा को 4-1 से मात दे सोने का तमगा हासिल किया.
60 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में आयरलैंड की कैली एन हैरिंगटन ने थाईलैंड की सुदापोर्न सीसोंडी को 3-2 से मात दी. 64 किलोग्राम के फाइनल में चीन की डैन डाउ ने यूक्रेन की मारिया वोवा को 5-0 से हराया.
69 किलोग्राम भारवर्ग में चीनी ताइपे की निएन चिन चेन ने चीन की हांगकांग को 3-2 से शिकस्त दी. 75 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की कियान ली ने नीदरलैंडस की मिरेली फोंटजिन को 4-1 से हराया.
81 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की लिना वांग ने कोलंबिया की जेसिका सिनिसटेरा को 5-0 से परास्त किया. वहीं 81 किलोग्राम भारवर्ग से ज्यादा के फाइनल में चीन की जियोली यांग ने तुर्की की सेनुल देमिर को 5-0 से मात दी.
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