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भारतीय महिला हॉकी टीम इतिहास को दोहराने के मुहाने पर खड़ी है। उसे महिला विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में गुरुवार को आयरलैंड से भिड़ना है। अगर भारतीय महिलाएं ली वैली हॉकी एंड टेनिस कोर्ट में खेले जाने वाले इस मैच में आयरलैंड को मात देकर सेमीफाइनल में जगह बना लेती हैं तो वो दूसरी बार विश्व कप के सेमीफाइनल में कदम रखेंगी।
इससे पहले भारतीय टीम 1974 में विश्व कप के पहले संस्करण में अंतिम-4 में पहुंची थीं। वहीं टीम 1978 में आखिरी बार क्वार्टर फाइनल खेली थी।
भारत के लिए यह ऐतिहसिक पल है जब वो अपने इतिहास को दोहरा कर उससे आगे भी जा सकता है, लेकिन उसके सामने वो टीम है जिसने ग्रुप स्तर पर उसे मात दी है। आयरलैंड ने पूल-बी के मैच में भारत को 1-0 से हराया था। ग्रुप स्तर में दो ड्रॉ और एक हार के कारण भारतीय महिला टीम तीसरे स्थान पर रही थी और इसलिए उसे इटली के खिलाफ प्लेऑफ मुकाबला खेलना पड़ा था।
भारत ने इटली को मंगलवार देर रात खेले गए मैच में 3-0 से मात देकर अंतिम-8 का टिकट कटाया जहां एक बार फिर उसके सामने आयरलैंड की चुनौती आन पड़ी है।
टीम की कप्तान रानी इस बात को जानती है। उनका कहना है कि टीम ने अभी तक अपनी सर्वश्रेष्ठ हॉकी नहीं खेली है।
कप्तान ने कहा, 'मैं सिर्फ इतना जानती हूं कि हमारा सफर अभी तक खत्म नहीं हुआ है। हमने अभी तक अपनी सर्वश्रेष्ठ हॉकी नहीं खेली है। पूल स्टेज में हम बेशक आयरलैंड से हार गए थे, लेकिन हम जानते हैं कि हमने उस दिन शानदार खेल खेला था। अब हमारे पास क्वार्टर फाइनल में उनको मात देने का सुनहरा मौका है।'
कप्तान रानी और कोच शुअर्ड मरेन दोनों इस बात से वाकिफ हैं कि टीम अभी तक अपने पूरे रंग में नहीं आई है। शुरुआत से उसकी आक्रमण पंक्ति और मिडफील्ड ने निराश किया है। तालमेल और फिनिंशग की कमी टीम को अखरती रही है। इटली के खिलाफ बेशक टीम ने तीन गोल किए थे, लेकिन उसके पास कई ऐसे मौके थे जहां वो अपने गोलों की संख्या में इजाफा कर सकती थी जो हुआ नहीं।
आयरलैंड शुरू से ही अच्छी हॉकी खेल रही है और भारत की कमी से वाकिफ हैं। ऐसे में भारतीय टीम के लिए यह चुनौती और खतरनाक हो जाती है। यह मैच उसके लिए अभी तक का सबसे मुश्किल मैच साबित हो सकता है। मरेन किस रणनीति के साथ उतरेंगे वो देखना होगा।
भारत का डिफेंस बेहद शानदार है इस बात से मरेन बेशक खुश होंगे, लेकिन सिर्फ डिफेंस के दम पर आयरलैंड को रोका नहीं जा सकता।
वहीं भारत भी आयरलैंड के खेल और उसकी अभी तक की रणनीति से वाकिफ है। ऐसे में आयरलैंड अपनी रणनीति में बदलाव भी कर सकता है। दोनों टीमें एक-दूसरे के खेल को जानती हैं और तैयारी उसी हिसाब से करेंगी।
भारत के लिए हालांकि किसी भी लिहाज से यह मैच आसान नहीं होने वाला है। उसके पास इतिहास रचने का इससे अच्छा मौका नहीं होगा। यह बात टीम जानती भी है और अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान पर उतरने की कोशिश करेगी।
टीम:
गोलकीपर : सविता (उप-कप्तान), रजनी एतिमारपू।
डिफेंडर : दीप ग्रेस इक्का, सुनीता लाकड़ा, दीपिका, गुरजीत कौर, रीना खोखर।
मिडफील्डर : नमिता टोप्पो, लिलिमा मिंज, मोनिका, उदिता, निक्की प्रधान, नेहा गोयल।
फॉरवर्ड : रानी (कप्तान), वंदना कटारिया, लालरेमसियामी, नवनीत कौर, नवजोत कौर।
आयरलैंड:
गोलकीपर : ओ'फ्लांगन ग्रेस, मैक्फेरान आयेशा।
मुलन कैथरीन (कप्तान), ओ ब्रायन योवाने, इवांस निकोला, मैक शिर्ले, फ्रेजर मेगान, टिसे एलेना, पिंडर गिलियन, उप्टन रोइसिन, वाटकिंस चोले, कोलविन लिजेले, डेली निकोला, मैथ्यूज हनाह, ओ'फ्लांगन एना, विल्सन जोन, ड्यूक डिएरडे, मिके एलिसन।
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Source : IANS