उसेन बोल्ट एक धावक जो दौड़ता था तो सीधा दिल तक पहुंचता था

अपने आखरी रेस में वह जीतने में बेशक कामयाब नहीं हो पाए हो पर जिस तरह हंसते हुए उन्होंने अपने कैरियर में लम्बी दौड़ लगाई वह इंस्पायर करने वाला है।

अपने आखरी रेस में वह जीतने में बेशक कामयाब नहीं हो पाए हो पर जिस तरह हंसते हुए उन्होंने अपने कैरियर में लम्बी दौड़ लगाई वह इंस्पायर करने वाला है।

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sankalp thakur
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उसेन बोल्ट एक धावक जो दौड़ता था तो सीधा दिल तक पहुंचता था

वह हवाओं को चीड़ते हुए भागता था। वह दौड़ता था तो देखने वालों की सांसे थम जाती थी। रफ्तार के इस जादूगर का नाम है उसेन बोल्ट। जिन्होंने बोल्ट को रेसिंग ट्रैक पर भागते हुए देखा है वह कहते हैं बोल्ट की भागने की गति बंदूक से निकली गोली जितनी है।

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अब बोल्ट को आप कभी रेसिंग ट्रैक पर दौड़ते हुए नहीं देख पाएंगे। अपने आखरी रेस में वह जीतने में बेशक कामयाब नहीं हो पाए हो पर जिस तरह हंसते हुए उन्होंने अपने कैरियर में लम्बी दौड़ लगाई वह इंस्पायर करने वाला है।

बोल्ट की रप्तार वैज्ञानिकों के लिए भी अनबूझी पहेली जैसी थी। वैज्ञानिकों ने बाकायदा ‘मैथेमेटिक्स मॉडल’ के सहारे उनकी रफ़्तार के कारणों को निकालने की कोशिश की। ‘द यूरोपियन जर्नल ऑफ फिजिक्स’ में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसके अनुसार उसैन की तेज़ रफ़्तार का रहस्य खोजने का दावा किया गया था। उनकी रप्तार के लिए वैज्ञानिकों ने उनकी संतुलित लम्बाई और मजबूत मांसपेशियों को बताया गया।

जमैका कैरिबियन द्वीपों में दूसरा गरीब देश माना जाता है। बोल्ट भी बेहद गरीब परिवार से थे। एक वक्त था जब यह खिलाड़ी अपने परिवार की मदद के लिए दुकान पर रम और सिगरेट तक बेचा करता था लेकिन गरीबी भी इस किलाड़ी का मनोबल नहीं तोड़ पाई।

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अगर अर्जून की तरह चिड़ियां की आंख पर निशाना साधना हो तो एकाग्रचित होकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत होती है। अपनी आत्मकथा ‘फास्टर दैन लाइटनिंग: माय स्टोरी’ में बोल्ट ने लिखा है कि ‘उनका लक्ष्य कभी नहीं भटका और वो हमेशा खिलाड़ी बनना चाहते थे।’वोल्ट का यही जज्बा था कि वह एक महान धावक बने।

रफ्तार के शहंशाह बोल्ट ने रेसिंग ट्रैक पर कई रिकॉर्ड बनाए हैं। बोल्ट ने बर्लिन में 2009 विश्व चैंपियनशिप में 100 मीटर का खिताब जीता। बोल्ट ने महज 9. 58 सेकेंड मे यह रेस पूरा किया। यह उनका विश्व रिकॉर्ड है जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ पाया। इसी विश्व चैंपियनशिप में 200 मीटर के रेस को 19.19 सेकंड में जीता। इसके बाद बोल्ट ने 2011, 2013, 2015 में 100, 200 और 4 गुना 100 मीटर रिले खिताब जीते।

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आठ बार के ओलंपिक स्वर्ण विजेता रहे और 11 बार के वर्ल्‍ड गोल्ड चैंपियन रहे।

यह खिलाड़ी रेसिंग ट्रेक छोड़ चुका है लेकिन अभी इसका अंत नही हुआ। उन्होंने कहा था कि वह इस खेल को आगे भड़ाने के लिए हर संभव प्रयास करते रहेंगे। बोल्ट ने एक बार कहा था ज़रूरी नहीं है कि आप शुरू कहां से करते हैं, ज़रूरी ये है कि आप ख़त्म कैसे करते हैं।

वाकई बोल्ट जैसे खिलाड़ी का रेसिंग ट्रेक को अलविदा कहना उनके प्रशंसकों के लिए दुखद है लेकिन ऐसा कहना कि बोल्ट का रेस से नाता खत्म हो गया गलत होगा। अभी उसेन को कई और बोल्ट तैयार करने हैं।

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Source : Sankalp Thakur

Usain Bolt
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