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अवनि लेखरा ने जीता दूसरा मेडल( Photo Credit : ANI)
टोक्यो पैरालिंपिक्स में अवनि लेखरा ने कमाल कर दिया है. उन्होंने गोल्ड के बाद ब्रांज पर निशाना साथा. इसके साथ ही भारत ने 12वां मेडल जीत लिया है. ये मेडल अवनि ने महिलाओं के 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन इवेंट में मिला. टोक्यो पैरालिंपिक्स में अवनि के निशाने से भारत को मिला ये दूसरा मेडल है. इससे पहले वो देश को गोल्ड मेडल दिला चुकी हैं. वो पैरालिंपिक्स खेलों के इतिहास में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं. अवनि लेखरा नीलिंग पोजीशन के बाद 149.5 अंक के साथ चौथे स्थान पर थीं. प्रोन राउंड के बाद वो सीधे छठे नंबर पर फिसल गई थीं. लेकिन फिर स्टैंडिंग पोजीशन में उन्होंने कमाल की वापसी की और मुकाबले को तीसरे नंबर पर रहते हुए खत्म किया.
Tokyo Paralympics, R8 Women's 50m Rifle 3P SH1: Avani Lekhara wins bronze medal
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— ANI (@ANI) September 3, 2021
19 साल की अवनि ने 4 दिन पहले 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में गोल्ड मेडल जीता था. और अब उन्होंने अपने राइफल से देश के लिए कांसा पक्का किया. ये टोक्यो पैरालिंपिक्स में भारत की झोली में गिरा चौथा ब्रॉन्ज मेडल है.
पिता के हौसले से बनी चैंपियन
पैरालिंपिक में शूटिंग में गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रचने वाली अवनि का जीवन काफी उतार चढ़ाव भरा रहा. साल 2012 में अवनि की 10 साल के उम्र में एक बड़ी कार दुर्घटना का शिकार हुई. इस कार दुर्घटना में उनके रीढ़ के हड्डी में चोट लगी. इलाज के बाद अवनी को व्हील चेयर का सहारा लेना पड़ा. इस कठिन वक्त में अवनि के पिता ने उनका हौसला कम नहीं होने दिया और साल 2015 में उन्होंने अवनि को शूटिंग और तीरंदाजी रेंज लेकर आए.
अवनि ने दोनों खेलों में हाथ आजमाया पर उन्हें शूटिंग ज्यादा पसंद आया. अवनि की जिंदगी बदलने में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने वाले अभिनव बिंद्रा की भी अहम भूमिका रही. दरअसल अवनि ने अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा आ शॉट एट हिस्ट्री पढ़ी जिसके बाद उनकी जिंदगी बदल गई और उन्होंने शूटिंग में आगे बढ़ने का फैसला किया.
HIGHLIGHTS
- 10 मीटर एयर राइफल में जीता था गोल्ड
- कार दुर्घटना में रीढ़ की हड्डी में लगी थी चोट
- अभिनव बिंद्रा की आत्मकथा ने किया प्रभावित
Source : News Nation Bureau