#B'day Special: जब बीरेंद्र सहवाग ने एक ओवर में लगा दी थी चौके-छक्कों की झड़ी
भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक 'नजफगढ़ के नवाब' की वैसे तो कई यादगार पारियां हैं, लेकिन उनका एक न भुलाने वाला एक ओवर फैंस को हमेशा याद रहेगा.
नई दिल्ली:
भारत के महानतम बल्लेबाजों में से एक 'नजफगढ़ के नवाब' की वैसे तो कई यादगार पारियां हैं, लेकिन उनका एक न भुलाने वाला एक ओवर फैंस को हमेशा याद रहेगा. सचिन तेंदुलकर के साथ जब वह सलामी बल्लेबाजी करने के लिए पिच पर आते थे तो विरोधी टीम के गेंदबाजों की हालत खराब हो जाती थी. अच्छे से अच्छे बॉलरों की बॉल की सहवाग बखिया उधेड़ कर रख देते थे. आज उनके जन्मदिन पर उनकी यादगार पारियों पर विशेष रिपोर्ट :
2005 में श्रीलंका के खिलाफ भारत के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की वह पारी फैंस को अब तक याद होगी, जिसमें उन्होंने ओवर की छह गेंदों पर 4,4,6,4,4,4 रन बनाए थे. वैसे तो अपने खेल से वह क्रिकेट प्रेमियों के हीरो बन ही गए थे, लेकिन इस एक ओवर के खेल ने फैंस को ‘वीरू इज माइ हीरो’ बोलने पर मजबूर कर दिया था.
सहवाग को इयान चैपल दुनिया का सबसे विध्वंसकारी बल्लेबाज बता चुके हैं. 20 अक्टूबर 1978 को दिल्ली के नजफगढ़ में जन्मे वीरू ने अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत एक ऑलराउंडर की हैसियत से 1999 में पाकिस्तान के विरूद्ध एकदिवसीय मैच से की थी. अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ केवल 69 गेंदों में साल 2001 में बनाया था.
साल 2008 में सहवाग टेस्ट मैच में सबसे तेज ट्रिपल सेंचुरी बनाने वाले बल्लेबाज बन गए. यह मैच उन्होंने चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था. सहवाग के नाम 2009 में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (ओडीआई) मैच में सबसे तेज शतक का रिकॉर्ड भी बना, जिसे चार साल बाद विराट कोहली ने तोड़ा.
सहवाग ने टेस्ट क्रिकेट में 23 शतक बनाए हैं और टेस्ट के इतिहास में दो तिहरे शतक बनाने वाले दुनिया के चार बल्लेबाजों में से एक हैं. सहवाग के अलावा ऐसी उपलब्धि सर डॉन ब्रैडमैन, ब्रायन लारा और क्रिस गेल ने हासिल की है. सहवाग ने अपने करियर में कुल 104 टेस्ट, 251 ओडीआई और 19 टी-20 मैच खेले हैं. वीरू के खाते में 17,000 से भी अधिक अंतरराष्ट्रीय रन हैं. वीरेंद्र सहवाग ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से संन्यास ले लिया है.
हरियाणा के जाट परिवार में 20 अक्टूबर 1978 को सहवाग का जन्म हुआ था. सहवाग के पिता किशन सहवाग बताते हैं कि वीरू में क्रिकेट के लिए प्यार सात माह की उम्र से ही जग गया था, जब उन्होंने पहली बार उसे खिलौना बैट लाकर दिया. 12 साल की उम्र में क्रिकेट के दौरान दांत तुड़वाकर सहवाग घर पहुंचे तो पिता ने क्रिकेट खेलने पर पाबंदी लगा दी. मां कृष्णा सहवाग ने यह पाबंदी हटवाई थी. 2004 में वीरेंद्र सहवाग ने आरती नाम की लड़की से शादी रचाई. उनके दो बेटे हैं.
विस्फोटक बल्लेबाजी से मिले उपनाम
- नज़फगढ़ के नवाब
- मुल्तान के सुल्तान
- जेन मास्टर ऑफ़ माडर्न क्रिकेट
पहला अन्तरराष्ट्रीय मैच
- 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ खेला था, जिसमें मात्र एक रन बनाए थे.
पहला शतक
- अगस्त 2001 में श्रीलंका और न्यूजीलैंड के खिलाफ ट्राई सीरीज में सहवाग ने पारी की शुरुआत करते हुए कैरियर का पहला अर्धशतक जमाया. इसी सीरीज में न्यूजीलैंड के खिलाफ 69 गेंदों पर शतक ठोककर सहवाग ने अपना जलवा दिखाया.
एकदिवसीय मैचों में सर्वाधिक स्कार
- एकदिवसीय मैचों में उनका सर्वाधिक स्कोर 219 रन है. यह उस समय विश्व रिकॉर्ड था, जिसे रोहित शर्मा ने 264 रन बना कर तोड़ा.
ये पुरस्कार मिले
- 2002 में भारत सरकार ने अर्जुन पुरस्कार देकर सम्मानित किया
- 2008 में ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड’ के सम्मान से नवाजा गया.
- 2009 में दुबारा ‘विजडन लीडिंग क्रिकेटर इन द वर्ल्ड’ का सम्मान मिला.
- 2011 में उन्हें ‘ईएसपीएन क्रिकीन्फो अवार्ड’ भी दिया गया.
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