भारतीय महिला खो-खो टीम की कप्तान नसरीन शेख का कहना है कि उनकी आर्थिक हालात इतनी खराब हो गई जिससे ऐसा समय आ गया जब घर का राशन लगभग खत्म हो गया था. कोरोनावायरस के कारण लॉकडाउन के चलते उनकी आय बंद है. अंत में भारतीय खो-खो महासंघ (केकेएफआई) ने अपनी कप्तान को एक लाख रुपये की मदद मुहैया कराई. दिल्ली के शकूरपुर में रहने वाली नसरीन ने कहा, "मेरे पिता बर्तन बेचते हैं. लॉकडाउन के कारण वह बाहर नहीं जा पा रहे हैं और पैसे नहीं कमा पा रहे हैं. आर्थिक हालत काफी खराब है."
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नसरीन एशियाई चैम्पियनशिप और दक्षिण एशियाई चैम्पियनशिप में प्रथम स्थान पर आई थीं. इस युवा खिलाड़ी ने भारत में 40 चैम्पियनशिप खिताब जीते हैं. अपने पोषक आहार को तो छोड़िए वह दिन की जरूरी चीजों के लिए भी संघर्ष कर रही हैं.
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उन्होंने कहा, "मैंने दिल्ली सरकार से कई बार अपील की. मैंने ऑनलाइन भी अपील की लेकिन कोई मदद नहीं मिली. मैं उस दौर के करीब थी कि घर में राशन भी खत्म होने वाला था. तब महासंघ ने मेरी मदद की. मेरे पिता पाटरी बाजार में बर्तन बेचते हैं लेकिन बंद के कारण कमाई बंद है."
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नसरीन ने बताया कि, "मैं एयरपोर्ट अथॉरिटी के लिए खेलती हूं, जहां से मुझे 26,000 रुपये प्रति महीने वेतन मिलता है जो तीन महीनों में आता है. वे मुझे मेरी डाइट के लिए देते हैं, उससे जो बचता है उसे मैं घर चलाने के लिए उपयोग में लेती हूं."
Source : IANS