ओलंपिक में देश का नाम रोशन कर लौटीं मीराबाई चानू, वेलकम चानू और भारत माता के जयकारों से गूंजा दिल्ली एयरपोर्ट
टोक्यो ओलंपिक 2020 में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशम करने वाली भारत की बेटी मीराबाई चानू स्वदेश लौट आई हैं
highlights
- ओलंपिक ( Olympics) में देश का नाम रोशन कर लौटीं मीराबाई चानू
- वेलकम चानू और भारत माता के जयकारों से गूंजा दिल्ली एयरपोर्ट
नई दिल्ली:
टोक्यो ओलंपिक 2020 ( Tokyo Olympics 2020) में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करने वाली भारत की बेटी मीराबाई चानू ( Mirabai Chanu ) स्वदेश लौट आई हैं. मीराबाई जब दिल्ली एयरपोर्ट ( Delhi Airport ) पर पहुंचीं तो पूरा माहौल भारत माता की जय के नारों से गूंज गया. एयरपोर्ट पर चानू को गॉर्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया. चानू ने इस शानदार स्वागत के लिए सभी का शुक्रिया अदा किया. जानकारी के अनुसार मीराबाई चानू ने वेटलिफ्टिंग (49 किलोग्राम वर्ग ) में रजत पदक जीता है, गोल्ड में भी बदल सकता है. अगर टोक्यो ओलंपिक में महिला भारोत्तोलन (49 किग्रा) में मीराबाई का मेडल गोल्ड में तब्दील हो जाता है तो ओलंपिक के इतिहास में भारत के नाम पर्सनल स्पर्धा में यह दूसरा स्वर्ण पदक होगा. इससे पहले भारतीय शूटर अभिनव बिंद्रा ने भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था.
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ओलंपिक में पदक जीतने का उनका सपना पूरा हो गया
टोक्यो ओलंपिक में भारोत्तोलन के 49 किग्रा स्पर्धा में रजत पदक के साथ भारत को शानदार सफलता दिलाने वाली मीराबाई चानू ने कहा है कि ओलंपिक में पदक जीतने का उनका सपना पूरा हो गया है. मीराबाई ने शनिवार को भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित एक वर्चुअल मीटिंग में कहा, अपार खुशी है. ओलिंपिक में मेडल लेने का सपना आज पूरा हो गया. मीराबाई ने स्वीकार किया कि 2016 रियो ओलंपिक में अपनी लिफ्ट खत्म नहीं करने में विफलता ने उन्हें और अधिक प्रयास करने के लिए प्रेरित किया. चानू ने कहा, मैंने रियो के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की थी, लेकिन बुरी तरह असफल रही। वह मेरा दिन नहीं था. तब मैंने फैसला किया कि मैं देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने के अपने सपने को पूरा करूंगी. जो मैं रियो में नहीं कर सकी, मैंने कवर किया यह टोक्यो ओलंपिक कर दिखाया। टोक्यो में, जहां मैं अभी हूं, यह रियो की वजह से है. यहां तक पहुंचने में बहुत मेहनत करनी पड़ी.
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मीराबाई का रजत भारत का दूसरा पदक
2000 सिडनी ओलंपिक में 69 किग्रा वर्ग में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य के बाद ओलंपिक में भारोत्तोलन में मीराबाई का रजत भारत का दूसरा पदक है. मीराबाई के कोच विजय शर्मा ने पिछले पांच वर्षों में अपने कार्यक्रम को कुछ तरह सारांशित किया, खाना, सोना और ट्रेनिंग के अलावा कोई दूसरा काम नहीं किया."
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