केरल ने रविवार को मौजूदा विजेता बंगाल को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 (2-2) से मात देकर छठी बार संतोष ट्रॉफी टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया। देनों टीमों ने अपनी टीम में एक-एक बदलाव किया।
केरल ने अफदाल वीके को सजिथ पौलोस की जगह टीम में शामिल किया जबकि बंगाल ने संचायन सामादेर के स्थान पर कृष्णा विश्वास को जगह दी।
विवेकानंद युवा भारती क्रीड़ांगन स्टेडियम में रविवार को खेले गए मुकाबले में दोनों टीमों ने दमदार खेल दिखाया। केरल ने मैच की अच्छी शुरुआत की और जितिन एम.एस ने 19वें मिनट में गोल दागकर मेहमान टीम को 1-0 से आगे कर दिया।
एक गोल से पिछड़ने के बाद बंगाल ने भी अपने खेल को बेहतर किया लेकिन वह गोल करने में कामयाब नहीं हो पाए।
दूसरा हाफ बंगाल के लिए शानदार रहा और 68वें मिनट में कप्तान जीतेन मुर्मू ने गोल करके मेजबान टीम को बराबरी पर ला खड़ा किया। इसके बाद, निर्धारित समय में कोई भी टीम गोल नहीं कर पाई।
अतिरिक्त समय में दोनों टीमों पर थकान असर साफ नजर आ रहा था और मैच के 112वें मिनट में राजोन बर्मा को रेड कार्ड मिला।
इसके बाद, 118वें मिनट विबिन ने गोल दागकर केरल को और मुश्किल में डाल दिया। अतिरिक्त समय के इंजुरी टाइम में बंगाल को फ्री-किक मिली जिसे गोल में डालकर र्तीथांकर ने मैच में मेजबान टीम की अप्रत्याशित वापसी करा दी।
र्तीथांकर के शानदार गोल की बदौलत मैच पेनाल्टी शूटआउट में पहुंच गया। अंकित और नाबी हुसैन खान, बंगाल के लिए पहली दो पेनाल्टी में गोल करने से चूक गए। केरल के गोलकीपर मिधुन ने दोनो मौकों पर शानदार बचाव किए।
इसके बाद, र्तीथांकर एवं सानचयान ने पेनाल्टी से गोल किए लेकिन वह बंगाल की हार नहीं टाल सकी क्योंकि केरल एक भी बार पेनाल्टी को गोल में बदलने से नहीं चूके। केरल के लिए राहुल वी राज, जितिन गोपालन ने गोल दागे।
अंतिम शॉट के लिए बंगाल के कप्तान जीतेन मुर्मू ने गोलकीपर के दस्ताने थामे लेकिन वह सिसेन एस के तेज शॉट को रोक नहीं पाए और केरल ने तीन सत्र के अंतराल के बाद यह ट्रॉफी जीती।
Source : IANS