विराट कोहली में कप्तानी लायक क्षमता नहीं, उनके बजाय धौनी को फिर आजमाने की सलाह

सही निर्णय़, मैदान पर खिलाड़ियों की स्थिति को लेकर किए गए फैसलों ने कोहली को आलोचना के केंद्र में ही बनाए रखा. यही नहीं, यहां तक कहा गया कि कोहली टीम पर आए दबाव को कम करने के लिए कुछ खास नहीं कर पाते

सही निर्णय़, मैदान पर खिलाड़ियों की स्थिति को लेकर किए गए फैसलों ने कोहली को आलोचना के केंद्र में ही बनाए रखा. यही नहीं, यहां तक कहा गया कि कोहली टीम पर आए दबाव को कम करने के लिए कुछ खास नहीं कर पाते

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Nihar Saxena
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विराट कोहली में कप्तानी लायक क्षमता नहीं, उनके बजाय धौनी को फिर आजमाने की सलाह

आरसीबी के कप्तान विराट कोहली पर आईपीएल शुरू होने से पहले गौतम गंभीर की टिप्पणी को लेकर न सिर्फ हाय-तौबा मची, बल्कि उसके पक्ष-विपक्ष में खेमेबंदी भी हो गई. अब जब सोमवार को वर्ल्ड कप के लिए टीम की घोषणा होनी है, आईपीएल में आरसीबी की लगातार हार से बतौर कप्तान विराट की क्षमता पर कुछेक अंगुलियां उठनी शुरू हो गई हैं. इनका कहना है कि विराट से कप्तानी लेकर एक बार फिर महेंद्र सिंह धौनी को यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए.

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गौरतलब है कि आईपीएल से पहले गौतम गंभीर ने कहा था कि विराट सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें उनकी फ्रैंचाइजी का भरपूर सहयोग और समर्थन मिल रहा है. वह भी तब जब विराट आरसीबी के पिछले सात-आठ सालों से हिस्सा रहे हैं. ऐसे कप्तान बहुत कम हुए हैं, जिन्होंने भले ही एक बार भी ट्रॉफी नहीं जीती हो, लेकिन उन्हें टीम के मालिकानों का समर्थन प्राप्त हो.

गौरतलब है कि धौनी के कप्तानी छोड़ते ही कोहली को आरसीबी कप्तान बनाए जाने का निर्णय लेने में टीम मैनेजमेंट ने सोचने-विचारने के लिए बहुत ज्यादा समय नहीं लिया था. हालांकि उस समय भी कई क्रिकेट पंडितों ने कहा था कि विराट में कप्तानी लायक जरूरी तत्व नहीं हैं. विराट के कट्टर प्रशंसक भी मानते हैं कि सचिन तेंदुलकर ही की तरह विराट के लिए कप्तानी नहीं बनी है.

इस बार आईपीएल में लगातार छह पराजयों ने उन लोगों को खम ठोकने का मौका दे दिया, जो विराट के बारे में यह बात काफी समय से कहते आ रहे हैं. इन मैचों में सही निर्णय़, मैदान पर खिलाड़ियों की स्थिति को लेकर किए गए फैसलों ने कोहली को आलोचना के केंद्र में ही बनाए रखा. यही नहीं, यहां तक कहा गया कि कोहली टीम पर आए दबाव को कम करने के लिए कुछ खास नहीं कर पाते. साथ ही यह भी आरोप लगा कि धौनी की तरह विराट गंभीर क्षणों में टीम के साथियों के साथ खड़े नहीं होते हैं.

जाहिर है आईपीएल की लगातार छह पराजयों से पहले एकदिनी क्रिकेट में मिली हारों ने भी कोहली की 'विराटता' को कम करने का काम किया है. हालांकि कोहली को लेकर एक बहुत अच्छी बात यही है कि किसी ने उनकी खेल क्षमता पर कभी भी संदेह नहीं किया है. जो कुछ भी कहा-सुना जा रहा है वह सिर्फ विराट की कप्तानी को लेकर हैं.

कई क्रिकेट पंडित मानते हैं कि कोहली की मैदान में और बाहर दिखाई जाने वाली विराट 'आक्रामकता' का असर अब सामने आ रहा है. उनका दिल औऱ दिमाग ठहराव के बिंदू को प्राप्त कर चुका है. ऐसे में कोहली को शेष आईपीएल से किनारा कर खुद को हर लिहाज से तरोताजा बनाना चाहिए. वहीं कोहली के कट्टर आलोचक मान रहे हैं कि वर्ल्ड कप में कोहली से कप्तानी लेकर धौनी या फिर रोहित शर्मा को जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. खासकर जब भारतीय क्रिकेट प्रेमी इसबार तो वर्ल्ड कप ट्रॉफी से कुछ नीचे पर मानने को तैयार नहीं नजर आ रहे हों.

Source : News Nation Bureau

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