भीड़ की हिंसा (Mob Lynching) का शिकार हुआ था रकबर (Rakbar), अब उसके बेटों को जनता ने इसलिए उठाया सिर आंखों पर

Way To Success : नफरत की हिंसा (Mob Lynching) के शिकार पिता की मौत का गम भुलाकर कामयाबी (Success) की नई इबारत लिख रहे हैं. भीड़ की हिंसा (Mob Lynching) के शिकार ऐसे तीन परिवार के 6 बच्‍चों ने खेलकूद (Sports) में डिस्ट्रिक्ट मेडल (District Medal) हासिल किए हैं.

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Sunil Mishra
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भीड़ की हिंसा (Mob Lynching) का शिकार हुआ था रकबर (Rakbar), अब उसके बेटों को जनता ने इसलिए उठाया सिर आंखों पर

रकबर( Photo Credit : File Photo)

रकबर और उमर का नाम याद होगा आपको. भीड़ की हिंसा (Mob Lynching) में अपनी जान गंवा बैठे थे, लेकिन अब उनके बेटों के लिए जनता ताली बजा रही है और सिर आंखों पर बिठा रही है. नफरत की हिंसा के शिकार पिता की मौत का गम भुलाकर कामयाबी की नई इबारत लिख रहे हैं. भीड़ की हिंसा के शिकार ऐसे तीन परिवार के 6 बच्‍चों ने खेलकूद (Sports) में डिस्ट्रिक्ट मेडल (District Medal) हासिल किए हैं. अब स्टेट लेवल (State Level) मेडल जीतने के लिए ये जी-जान लगाए हुए हैं. अलीगढ़ (Aligarh) में रहकर ये बच्चे आगे की तैयारी कर रहे हैं. साथ ही अपनी पढ़ाई को भी आगे बढ़ा रहे हैं.

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अलीगढ़ में चाचा नेहरू के नाम से संचालित मदरसे में मॉब लिंचिंग के शिकार हुए परिवारों के बच्‍चे पढ़ रहे हैं. इस मदरसे को पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी की पत्नी सलमा अंसारी संचालित करती हैं. प्रिंसिपल मोहम्मद राशिद का कहना है कि मदरसे में दीनी पढ़ाई के साथ-साथ हिंदी, अंग्रेजी भी पढ़ाई जाती है. रकबर उर्फ अकबर के तीन और हरियाणा में मारे गए उमर के बेटे सरफराज सहित छह बच्चे यहां पढ़ाई कर रहे हैं.

रकबर और उमर के बच्चों ने हाल ही में जिला स्‍तरीय प्रतियोगिता में कई मेडल अपने नाम किए थे. उन्‍हें बॉक्सिंग, कराटे, किक, कैरम आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है. जिन छह बच्चों ने जिला स्‍तर पर नाम रोशन किया है, उन्हें राज्यस्तर पर मेडल लाने को तैयार किया जा रहा है.

Source : न्‍यूज स्‍टेट ब्‍यूरो

Rakbar Alwar Aligarh Mob lynching
      
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