इतिहास रचने से सिर्फ एक कदम दूर सिंधु, जानिए कैसा रहा है उनका करियर

पुरसला वेंकटा सिन्धु का जन्म एक तेलगु परिवार में हुआ था। माता पिता वॉलीबॉल खिलाडी थे। सिन्धु ने 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

पुरसला वेंकटा सिन्धु का जन्म एक तेलगु परिवार में हुआ था। माता पिता वॉलीबॉल खिलाडी थे। सिन्धु ने 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

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sankalp thakur
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इतिहास रचने से सिर्फ एक कदम दूर सिंधु, जानिए कैसा रहा है उनका करियर

देश की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु इतिहास रचने से मात्र एक कदम दूर हैं। बैंडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में सिंधु का मुकाबला जापान की नोजोमी ओकुहारा से हो रहा है। अगर सिंधु इस फाइनल मुकाबले को जीत जाती हैं तो उन्हें गोल्ड मिलेगा। हालांकि अगर वो हार जाती है तो भी भारत को सिल्वर मिलना तय है। 

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ये पहला मौका नहीं है जब सिंधु क्रिकेट के बाद बैडमिंटन में भी भारत का झंडा गाड़ेंगी। इससे पहले भी वो ओलंपिक में सिल्वर मैडल जीत चुकी हैं। 2016 के समर ओलंपिक में इस खिलाड़ी ने देश का नाम पूरे विश्व में गौरवांवित कर दिया था। ओलंपिक सिल्वर मेडल जीतने वाली वह पहली महिला भारतीय बैडमिंटन खिलाडी बनी थीं।

पुरसला वेंकटा सिन्धु का जन्म एक तेलगु परिवार में हुआ था। माता पिता वॉलीबॉल खिलाडी थे। सिन्धु ने 8 साल की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था।

करियर की शुरुआत में सिन्धु ने पहले महबूब अली से खेल का प्रशिक्षण लिया और सिकंदराबाद के भारतीय रेल्वे इंस्टिट्यूट में ही उन्होंने अपने प्रशिक्षण की शुरुआत की। कुछ दिन बाद सिन्धु पुल्लेला गोपीचंद बैडमिंटन अकैडमी में शामिल हो गई।

देश के लिए खेलने का सपना ही था कि सिंधु अपने घर से तक़रीबन 56 किलोमीटर दूर प्रशिक्षन केंद्र जाती है। सिंधू के परिश्रम को देखते हुए कोच गोपीचंद ने सिन्धु की तारीफ में कहा था, ' सिन्धु के खेल में उसकी सबसे अच्छी बात उसका रवैया है वह आखिरी दम तक अपने खेल को नही छोड़ती और हार नहीं मानती।'

पी वी सिंधू

1- अंडर-10 इयर केटेगरी में सिन्धु में पाँचवी सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैंपियनशिप युगल केटेगरी में जीती थी
2- अंडर-13 इयर केटेगरी में सिन्धु में पांडिचेरी की सब-जूनियर चैंपियनशिप में सिंगल का टाइटल जीता।
3-सिन्धु ने कृष्णा खेतान ऑल इंडिया टूर्नामेंट, ऑल इंडिया रैंकिंग, सब-जूनियर नेशनल और पुणे में ऑल इंडिया रैंकिंग के कई टाइटल्स भी जीते।
4-भारत में सिन्धु ने 51 वे नेशनल स्कूल गेम्स में अंडर-14 केटेगरी में गोल्ड मेडल भी जीता था।
5-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिन्धु ने 2009 में कोलंबो में सब-जूनियर एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में ब्रोंज मेडल भी जीता था।
6-2010 ईरान फजर इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज में सिन्धु ने सिंगल केटेगरी में सिल्वर मेडल जीता।
7- 2010 में मेक्सिको में जूनियर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में सिन्धु क्वार्टरफाइनल तक पहुची थी।

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रिओ ओलंपिक्स 2016 में रचा इतिहास

सेमीफाइनल में वांग ईहाँ से अपना मैच जीतकर फाइनल में जगह बनाकर सिंधु ने इतिहास रच दिया। फाइनल में उनका मुकाबला वर्ल्ड नं. 1 खिलाडी से कैरोलिना मरीन से होना था। 83 मिनट तक चले फाइनल मुकाबले में सिन्धु ने जबरदस्त खेल का प्रदर्शन किया। एक समय लग रहा था गोल्ड मेडल बारत के झोली में आएगा लेकिन मरीन ने भी जबरदस्त वापसी करते हुए 2-1 से मुकाबले को अपने नाम किया।

सिल्वर मेडल जीतकर सिन्धु ने इतिहास रच दिया और ओलंपिक्स में भारत की तरफ से बैडमिंटन में सिल्वर मेडल जीतने वाली पहली महिला बनी।

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पी वी सिंधु ने पहली बार किया विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश

भारत की शीर्ष महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने चीन की चेन यूफेई को सेमी फाइनल में 21-13, 21-10 से हरा कर विश्व चैंपियनशिप के महिला एकल फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है।

एक बार फिर भारत की उम्मीदे पीवी सिंधु से है। विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में जीतकर सिंधु देश में गोल्ड मेडल लेकर आए।  2013 और 2014 में खेले गए वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिंधु ने ब्रांज मेडल जीता था। और अब फाइनल में उनका मुकाबला जापान की नोजोमी ओकुहरा से होगी।

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Source : News Nation Bureau

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