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Pulwama Attacks: हिमालयन ड्राइव विजेताओं ने शहीदों को समर्पित की पुरस्कार राशि

आयोजकों और चालकों के साथ-साथ सभी गणमान्य लोगों ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की तस्वीरों पर फूल अर्पित किए.

Updated on: 04 Mar 2019, 04:29 PM

सिलिगुड़ी:

देश के एकमात्र इंटरनेशनल टीएसडी (टाइम, स्पीड, डिस्टेंस) रैली-जेके टायर हिमालयन ड्राइव 7 के विजेताओं ने पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रृद्धांजलि अर्पित करते हुए अपनी पुरस्कार राशि उन्हें समर्पित की. साथ ही इन विजेताओं ने अपनी ट्रॉफी देश के सेनाओं को समर्पित किया. चार बार के चैम्पियन अजगर अली और उनके सहचालक मोहम्मद मुस्तफा ने इस पहल की अगुवाई करते हुए अपने हिस्से आई एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि आतंकी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवानों के परिजनों के लिए बने फंड में समर्पित कर दिया. शनिवार को यह रैली समाप्त हुई और इसका पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया, जो देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत था. इसकी शुरुआत राष्ट्रगान से हुई और फिर पुलवामा के शहीदों की याद में दो मिनट का मौन रखा गया.

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इस समारोह में विजेताओं के अलावा एसएसबी के उप महानिरीक्षक अमित कुमार, एअर कॉमोडोर (सेवानिवृत) एसके अग्रवाल, सिलिगुड़ी रेंज के उप महानिरीक्षक (सीआरपीएफ) सुनील कुमार सबिता, कर्नर जगदीप सिंह और इन्कम टैक्स कमिश्नर पंकज कुमार शामिल हुए. आयोजकों और चालकों के साथ-साथ सभी गणमान्य लोगों (इनमें प्रायोजकों को प्रतिनिधि भी शामिल हैं) ने पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों की तस्वीरों पर फूल अर्पित किए. एअर कॉमोडोर अग्रवाल ने भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करते एक फाइटर पायलट के तौर पर अपने प्रशिक्षण के साथ-साथ और देश के लिए जान न्यौछावर करने वाले सैनिकों को याद किया.

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अग्रवाल ने यह भी कहा कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ अपने पिछले मुलाकात को भी याद किया. अग्रवाल ने कहा कि जब वह आईएएफ बेस में तैनात थे तब अभिनंदन के पिता एअर मार्शल (रियायर्ड) एस. वर्धन भी वहीं तैनात थे और उस समय अभिनंदन हाई स्कूल में पढ़ा करते थे. जैसे-जैसे पुरस्कार वितरण समारोह बीतता गया, विभिन्न वर्गो के विजेताओं ने आगे आकर अपनी पुरस्कार राशि को शहीदों के परिजनों को समर्पित करने का फैसला किया. समारोह में एक लाख रुपये दान में देने वाले अजगर के लिए जमकर तालियां बजीं. अजगर के भाई शेख इब्राहिम इस रैली में चौथे स्थान पर रहे. उन्होंने भी अपनी पुरस्कार राशि सेना को समर्पित किया और देश की रक्षा में तत्पर रहने के लिए सैनिकों का धन्यवाद किया. अन्य कटेगरी के विजेताओं ने भी शहीद सैनिकों को श्रृद्धा सुमन अर्पित किए.