भारत के दिग्गज पैरा-तैराक प्रशांत करमाकर पर यौन उत्पीड़न मामले में गुरुवार को तीन साल का प्रतिबंध लगाया है। प्रशांत पर यह प्रतिबंध भारतीय पैरालम्पिक समिति (पीसीआई) द्वारा पिछले साल जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय पैरा तैराक चैम्पियनशिप के दौरान एक महिला तैराकों की वीडियो बनाने के मामले में लगाया गया है।
पीसीआई के अनुसार, 31 मार्च से तीन अप्रैल, 2017 के दौरान अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित प्रशांत पर महिला तैराकों का वीडियो बनाया था।
प्रशांत पर इसके अलावा, पीसीआई के अधिकारियों के साथ विवाद करने का आरोप भी है, जिन्होंने पैरा-एथलीट से वीडियो बनाने के मामले में पूछताछ की थी।
कई लोगों ने प्रशांत के खिलाफ लिखित में शिकायत भी दर्ज की है। प्रशांत 2016 में रियो पैरालम्पिक में गई भारतीय तैराकी टीम के कोच भी रह चुके हैं।
पीसीआई में खेल तकनीकी विभाग के चेयरमैन वी.के. दास ने आईएएनएस को दिए बयान में कहा, 'प्रशांत के खिलाफ करीब सात या आठ लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है। हमें लगातार उनके खिलाफ शिकायतें मिली हैं।'
दास ने कहा कि एक अनुशासनात्मक समिति ने प्रशांत के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की और उन्हें इन आरोपों का दोषी पाया है।
प्रशांत ने एक तैराक के तौर पर अपने करियर के दौरान कई अंतर्राष्ट्रीय स्पर्धाओं में दर्जन से अधिक पदक जीते हैं। उन्होंने 2003 में हुई विश्व तैराकी चैम्पियनशिप में पदक जीता था। वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले पैरा-एथलीट बन गए।
Source : IANS