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स्टार क्रिकेटरों की तरह महंगे हो गए ओलंपिक में पदक जीतने वाले खिलाड़ी, ले रहे इतने करोड़

अब तक भारत में क्रिकेट में ही खिलाड़ियों को स्टार का दर्जा था और अपने एंडोर्समेंट के लिए कंपनियां इन्हें करोड़ों रुपये देती थीं लेकिन ओलंपिक में सफलता के बाद अब भारतीय एथलीट, तमाम क्रिकेटरों को टक्कर दे रहे हैं.

Updated on: 07 Sep 2021, 02:14 PM

highlights

  • कई एथलीटों की फीस 100 प्रतिशत से अधिक बढ़ी
  • तोड़ दिए हैं मार्केट के अब तक के तमाम मिथक
  • कई तो पहले गरीबी में जी रहे थे जीवन

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

नई दिल्ली :

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympic) में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों की साख अब कई गुना बढ़ गई है. तमाम कंपनियों संग इन्होंने एग्रीमेंट की कीमत कई गुना बढ़ा दी है. एक-एक कंपनी से ये खिलाड़ी करोड़ों रुपये वसूल रहे हैं लेकिन फिर भी कंपनियां इनसे एंग्रीमेंट करने के लिए आतुर हैं. अब तक भारत में क्रिकेट में ही खिलाड़ियों को स्टार का दर्जा था और अपने एंडोर्समेंट के लिए कंपनियां इन्हें करोड़ों रुपये देती थीं, लेकिन ओलंपिक में सफलता के बाद अब भारतीय एथलीट, तमाम क्रिकेटरों को टक्कर दे रहे हैं. आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर कौन सा एथलीट कितने करोड़ ले रहा है तो आइए आपको बताते हैं. 

बात करते हैं सबसे पहले टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympic) में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा की. एक्सपर्ट्स की राय मानें तो नीरज इस समय एक साल के एग्रीमेंट की कीमत 2.5 से तीन करोड़ रुपये वसूल रहे हैं. नीरज के मैनेज करने वाली फर्म jsw के सीईओ ने एक मीडिया संस्थान से बातचीत में बताया कि नीरज चोपड़ा की ब्रांड वैल्यू दस गुना बढ़ गई है. पहले ये एंडोर्समेंट के 20 से 30 लाख रुपये लेते थे लेकिन अब कीमत कई गुना बढ़ गई है. सबसे बड़ी नीरज ने मार्केट के तमाम मिथक तोड़ दिए हैं.  बात अभी तक मार्केट में यह माना जाता था कि सिर्फ क्रिकेटरों या महिला खिलाड़ियों की ही कीमत करोड़ों में होती है लेकिन नीरज मेल हैं और नॉन क्रिकेटिंग स्पोर्ट्स पर्सन. यहां बता दें कि नीरज के पिता किसान हैं और नीरज शुरुआती दिनों में खेत में भाला फेंक का प्रैक्टिस करते थे. 

वहीं, टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympic) में पहला सिल्वर मेडल जीतकर भारत का खाता खोलने वाली मीराबाई चानू भी इस समय करोड़ों वसूल रही हैं. चानू को मैनेज करने वाली कंपनी ios स्पोर्ट्स एंड एंटरटेनमेंट के चीफ आपरेटिंग अफसर राहुल त्रेहन का कहना है कि मेडल जीतने के बाद चानू के पास आफरों की लाइन लगी है. इस समय चानू की फीस 1 करोड़ रुपये सालाना से ज्यादा है. चानू के बारे में बता दें कि बचपन में वह जंगल में लकड़ियां उठाकर ले जाने का काम करती थीं.

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo olympic) में बजरंग पुनिया में कांस्य मेडल मिला लेकिन इनकी ब्रांड वैल्यू अपने तमाम मेडल जीतने वाले साथियों से ज्यादा है. दरअसल, पुनिया वर्ल्ड चैंपियनशिप भी जीत चुके हैं. वह भारत के एकमात्र रेसलर हैं, जिसने वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीन मेडल जीते हैं और अब ओलंपिक में कांस्य जीतकर उनकी वैल्यू कई गुना बढ़ गई है. 

ओलंपिक में कांस्य जीतने वाली भारतीय शटलर पीवी सिंधु की वैल्यू पहले से ही करोड़ों में है. वह रियो ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं लेकिन अब उनकी कीमत में 60 से 70 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसके अलावा रवि दाहिया, लवलीना बोरगोहने जैसे खिलाड़ियों की ब्रांड वैल्यू बहुत बढ़ गई है. हॉकी खिलाड़ियों की कीमत में भी बहुत तेज इजाफा हुआ है, खासतौर से गोलकीपर पीआर श्रीजेस की ब्रांड वैल्यू 150 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है.