जब पूरा भारत देश स्वर्ण पदक विजेता (Gold Medallist) नीरज चोपड़ा का स्वागत करने में लगा हुआ था और एयरपोर्ट पर उनके आते ही भीड़ बेकाबू हो गई थी. नीरज चोपड़ा वीवीआईपी (VVIP) समारोहों में सम्मिलित हो रहे थे. इस दौरान उनके दो जर्मन कोच ये सब कुछ अपने स्मार्टफोन के माध्यम से सोशल मीडिया पर ही देखकर खुश हो रहे थे और अपने इस एथलीट शिष्य की तरक्की को देखकर गौरवांवित महसूस कर रहे थे. गुरू और शिष्य के बीच के रिश्ते का यह एक छोटा, लेकिन बेहद प्यारा हिस्सा है. शिष्य के तरक्की करने पर गुरू को प्रसन्नता व गौरव की जो अनुभूति होती है, उसकी व्याख्या करना शब्दों से परे है. इस अनुभूति का थाह केवल गुरू के मन को ही हो सकता है.
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भारत के जैवलिन हेड कोच उवे हॉन, जोकि अब जर्मनी के रिन्सबर्ग क्षेत्र में सेटल हो चुके हैं, वो इस दौरान अपने परिवार और दोस्तों के साथ थे. लेकिन उनकी आंखें भारत में उनके शिष्य के ऊपर ही थी. उन्हें यह भी पता है कि कई वर्षों के इंतजार के बाद किसी देश को जैवलिन में गोल्ड मिलना कितना महत्वपूर्ण होता है और उस देश को मेडल दिलाने वाला व्यक्ति अगर आपका शिष्य है, तो इससे होने वाली अनुभूति अत्यंत सुखद होती है. अपनी इसी खुशी को बांटने के लिए उन्होंने अपनी माता और बहन को बुलाया था. जहां उन्होंने टोक्यो ओलंपिक, भारत और नीरज चोपड़ा के बारे में बात की और अपनी खुशी को भी साझा किया.
साथ ही नीरज के बायोमैकेनिकल विशेषज्ञ डॉ. बारटोनिएट्ज ने इंटरनेट पर वायरल वीडियो क्लिप्स और फोटोज को जब देखा, तो उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा. वीडियो में उन्होंने देखा कि सुरक्षाकर्मियों का एक घेरा उनके शिष्य की सुरक्षा के लिए तैनात है. साथ ही उनका शिष्य रातों-रात जैवलिन थ्रोविंग सेंसेशन बन चुका है. जोकि उनके लिए काफी सुखदपूर्ण था.
HIGHLIGHTS
- नीरज बने जैवलिन थ्रो सेंसेशन, जर्मन कोच की खुशी ठिकाना नहीं
- कोच ने परिवार व दोस्तों के साथ जाहिर की खुशी
- शिष्य को सुरक्षा घेरे के अंदर देख कोच प्रफुल्लित हुए दोनों कोच