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नीरज चोपड़ा का बेहतरीन प्रदर्शन जारी, डायमंड लीग ट्राॅफी जीतकर रचा इतिहास

नीरज की डायमंड लीग फाइनल में अच्छी शुरुआत नहीं थी. फाइनल का आगाज उन्होंने फाउल के साथ किया था. वे सूची में सबसे निचले पायदान पर थे. मगर अगले ही प्रयास में नीरज ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंककर प्रथम स्थान हासिल किया

Updated on: 09 Sep 2022, 07:38 AM

highlights

  • 88.44 मीटर दूर भाला फेंककर इस ट्रॉफी को अपने नाम किया
  • इससे पहले 2017 और 2018 में नीरज ने फाइनल को क्वालीफाई किया था
  • 2022 राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज चोट के कारण भाग नहीं ले पाए थे

नई दिल्ली:

भारत के मशहूर जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा का शानदार प्रदर्शन जारी है. शुक्रवार को उन्होंने ज्यूरिख में डायमंड लीग ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया. ओलंपिक में स्वर्ण विजेता रहे एथलीट ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंककर इस ट्रॉफी को अपने नाम कर लिया. वे इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को जीतने वाले देश के पहले एथलीट बन चुके हैं. इससे पहले 2017 और 2018 में नीरज ने फाइनल को क्वालीफाई किया था. मगर वह टॉप 5 से बाहर हो गए थे. इस बार नीरज ने ट्राॅफी जीतकर इतिहास रच दिया है. 

नीरज की डायमंड लीग फाइनल में अच्छी शुरुआत नहीं थी. फाइनल का आगाज उन्होंने फाउल के साथ किया था. वे सूची में सबसे निचले पायदान पर थे. मगर अगले ही प्रयास में नीरज ने 88.44 मीटर दूर भाला फेंककर प्रथम स्थान हासिल किया. नीरज ने इसके बाद तीसरे प्रयास में 88.00 मीटर और चौथे में 86.11 मीटर पांचवें में 87.00 मीटर और छठे प्रयास में 83.60 मीटर दूरी पर जैविलन थ्रो किया. 

नीरज से एक पायदान पीछे चेक गणराज्य के जैकब वाडलेच ने 86.94 मीटर थ्रो किया. वहीं जर्मनी के जूलियन वेबर ने 83.73 मीटर की दूरी तय कर तीसरा स्थान पाया. भारत के गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा के बीते कुछ साल से शानदान प्रदर्शन कर रहे हैं. 2021 ओलंपिक में स्वर्ण जीतने से पहले उन्होंने 2018 में एशियाई खेलों में स्वर्ण जीता था. इस साल विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में उन्होंने रजत पदक पर कब्जा जमाया था.  2022 राष्ट्रमंडल खेलों में नीरज चोट के कारण भाग नहीं ले पाए थे. नीरज का सपना था कि वह डायमंड ट्रॉफी जीते. यह तमन्ना उनकी अब पूरी हुई. 

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चोपड़ा ने चोट की वजह से एक माह तक खेल से बाहर रहने बाद शानदार वापसी की है.  वह लुसाने डाइमंड लीग जीतने वाले पहले भारतीय बने थे. 24 साल के इस खिलाड़ी ने चोट से उबरने के बाद तुरंत फाॅर्म हासिल किया. उन्होंने 26 जुलाई को लुसाने में अपने प्रथम प्रयास में भाले को 89.08 मीटर तक फेंककर खिताब अपने नाम कर लिया था.