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विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में हारी मंजू रानी, जीता सिल्वर मेडल

18 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज ने विश्व चैंपियनशिप में पहली बार ही खेलते हुए सिल्वर मेडल जीता हो.

Updated on: 13 Oct 2019, 02:45 PM

highlights

  • रूस की एकातेरिना पाल्टसेवा ने छठी सीड प्राप्त मंजू रानी को 4-1 से शिकस्त दी.
  • पांच जजों ने रूसी खिलाड़ी के पक्ष में 29-28, 29-28, 30-27, 30-27, 28-29 से फैसला सुनाया.
  • मंजू से पहले एमसी मैरी कॉम अपने पहले विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी.

उलान उदे (रूस):

भारतीय बॉक्सर मंजू रानी को विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में हार के साथ सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा है. रूस की एकातेरिना पाल्टसेवा ने 48 किलोग्राम वर्ग में छठी सीड प्राप्त मंजू को 4-1 से शिकस्त दी. मुकाबला रूसी बॉक्सर के पक्ष में गया. यह विश्व चैंपियनसिप में भारत का चौथा मेडल रहा. इससे पहले भारत के 3 मुक्केबाजों ने कांस्य पदक हासिल किया था. 18 साल बाद यह पहला मौका है जब किसी भारतीय महिला मुक्केबाज ने विश्व चैंपियनशिप में पहली बार ही खेलते हुए सिल्वर मेडल जीता हो.

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हार कर भी दिल जीता मंजू ने
दूसरी सीड पाल्टसेवा के खिलाफ मिली इस हार के बाद मंजू को रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा. पांच जजों ने मेजबान रूस की खिलाड़ी के पक्ष में 29-28, 29-28, 30-27, 30-27, 28-29 से फैसला सुनाया. स्ट्रांजा कप की रजत पदक विजेता मंजू से पहले एमसी मैरी कॉम 2001 में अपने पहले विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंची थी.

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एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते
मंजू के इस मुकाबले के साथ विश्व चैम्पियनशिप में भारतीय अभियान समाप्त हुआ. भारत ने एक रजत और तीन कांस्य पदक जीते. कांस्य छह बार की विश्व चैम्पियन एमसी मैरीकॉम, जमुना बोरो और लवलीना बोगोर्हेन ने जीता है. ये तीनों शनिवार को अपने सेमीफाइनल मुकाबले हार गई थीं.