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राष्ट्रमंडल खेल 2010 दिल्ली( Photo Credit : getty images)
भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने सोमवार को कहा कि वह 2026 या 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करेगा. आईओए साथ ही निशानेबाजी को हटाए जाने को लेकर 2022 बर्मिंघम खेलों के बहिष्कार की मांग से भी पीछे हटने को सहमत हो गया. ओलंपिक खेलों की देश में शीर्ष संस्था आईओए अब राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी की जरूरी स्वीकृति लेने के लिए सरकार से संपर्क करेगा. भारत ने 2010 में इन खेलों की मेजबानी की थी. यहां वार्षिक आम बैठक के दौरान यह फैसला किया गया.
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आईओए के महासचिव राजीव मेहता ने पीटीआई से कहा, ‘‘हमने 2026 या 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेजबानी के लिए दावेदारी पेश करने का फैसला किया है और साथ ही हमने 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के लिए भी अपना दल भेजने का फैसला किया है.’’ आईओए ने साथ ही भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) के बर्मिंघम खेलों से पहले अलग से राष्ट्रमंडल निशानेबाजी चैंपियनशिप की मेजबानी के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दे दी. उम्मीद है कि इससे 2022 खेलों से निशानेबाजी को हटाए जाने की भरपाई हो सकेगी.
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आईओए जल्द ही एनआरएआई के प्रस्ताव को स्वीकृति के लिए राष्ट्रमंडल खेल महासंघ (सीजीएफ) के पास भेजेगा जिसके बााद सीजीएफ की कार्यकारी समिति इस पर फैसला करेगी. पिछले हफ्ते सीजीएफ ने इस संबंध में एनआरएआई को अगले महीने की शुरुआत तक औपचारिक प्रस्ताव भेजने को कहा था. एनआरएआई ने इस प्रतियोगिता की मेजबानी का खर्चा उठाने की पेशकश की है. राष्ट्रमंडल खेलों के ‘वैकल्पिक खेल’ में शामिल निशानेबाजी को बर्मिंघम खेलों से हटाए जाने के बाद आईओए प्रमुख नरिंदर बत्रा ने भारत के इन खेलों से हटने का प्रस्ताव रखा था.
Source : Bhasha