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भारतीय कबड्डी टीम( Photo Credit : https://twitter.com/KabaddiIndia)
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भारतीय टीम वाघा सीमा के रास्ते लाहौर पहुंची. पाकिस्तान में पहली बार कबड्डी विश्व कप का आयोजन हो रहा है. इसमें भारत समेत दस देशों की टीमें हिस्सा ले रही हैं.
भारतीय कबड्डी टीम( Photo Credit : https://twitter.com/KabaddiIndia)
कबड्डी विश्व कप में भाग लेने के लिए भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने के बाद हुए विवाद के बीच वहां गई टीम के कोच हरप्रीत सिंह बाबा ने कहा है कि टीम को निजी तौर पर टूर्नामेंट में भाग लेने का निमंत्रण मिला था. बाबा ने कहा, "हम पहले भी कई अवसरों पर टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए यहां आ चुके हैं. हम सब निजी दौरे पर यहां आए हैं और ऐसे में विदेश मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है." उन्होंने कहा कि प्रत्येक खिलाड़ी ने व्यक्तिगत तौर पर वीजा के लिए आवेदन किया था और इसे हासिल किया था.
पाकिस्तान जाने वाली टीम के एक खिलाड़ी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, "हम सब भारत के नागरिक हैं और हमें जो वीजा मिला है, हम उसी के आधार पर विश्व कप में भाग लेने के लिए आएं हैं. इसमें 10 देश भाग ले रहे हैं. ऐसा नहीं है कि हम पहली बार यहां आए हैं. अब तो हमें विभिन्न टूर्नामेंटों में भाग लेने के लिए ब्रिटेन और कनाडा भी निजी दौरे पर ही जाना है." भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) पहले ही कह चुके हैं कि कबड्डी विश्व कप में हिस्सा लेने के लिए जो लोग पाकिस्तान पहुंचे है, वह वे अपने बैनर तले 'भारत' शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते है.
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यह पूछे जाने पर कि आप कैसे इस टूर्नामेंट में भारत नाम शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. बाबा ने कहा कि आयोजनकर्ताओं ने इसका नाम टीम इंडिया रखा है. बाबा ने कहा, "अगर विदेश मंत्रालय और खेल मंत्रालय को दिक्कत था तो उन्हें यहां आने से हमें रोकना चाहिए था." इस बीच, पंजाब कबड्डी संघ (पीकेए) के उपाध्यक्ष तेजिंदर सिंह मुद्दुखेरा ने कहा कि पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन ने इस टूर्नामेंट का आयोजन गुरु नानक देव के 550वीं जयंती के अवसर किया है.
मुद्दुखेरा ने कहा, "पाकिस्तान कबड्डी फेडरेशन ने खिलाड़ियों को निजी तौर पर इसमें भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था. इसलिए हमें किसी भी खिलाड़ी को आधिकारिक पत्र जारी करने में कोई परेशानी नहीं थी. ऐसे में जब वे व्यक्तिगत तौर पर इसमें भाग लेने के लिए गए हैं, ना कि देश का प्रतिनिधित्व करने तो फिर इसमें इजाजत लेने का सवाल ही नहीं उठता है." इससे पहले, आईओए के अध्यक्ष सोमवार को आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा था कि जो लोग शनिवार को लाहौर पहुंचे हैं, वे देश के अधिकारी नहीं हैं और इसलिए वे अपने बैनर तले 'भारत' शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते है क्योंकि वे एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ इंडिया (एकेएफआई) द्वारा मान्यता प्राप्त नहीं है.
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बत्रा ने कहा था, "आईओए ने उन्हें अपनी मंजूरी नहीं दी है और ना ही महासंघ ने उन्हें मंजूरी दी है. इसलिए मुझे नहीं पता कि कौन गए हैं. पता नहीं 60 गए हैं या 100. मुझे कुछ नहीं पता. कबड्डी फेडरेशन, जोकि आईओए का सदस्य है, उसने हमसे पुष्टि की है कि उन्होंने किसी को नहीं भेजा है. मैंने खेल मंत्रालय का बयान पढ़ा है जिसमें भी पुष्टि की गई है कि उन्होंने किसी को इसकी मंजूरी नहीं दी है. इसलिए मुझे नहीं पता कि वे कौन है और क्या कहानी है."
भारतीय टीम वाघा सीमा के रास्ते लाहौर पहुंची. पाकिस्तान में पहली बार कबड्डी विश्व कप का आयोजन हो रहा है. इसमें भारत समेत दस देशों की टीमें हिस्सा ले रही हैं. बत्रा ने कहा, "जब तक हमारे सदस्य इकाई इसे मंजूरी नहीं देते तब तक वे 'भारत' शब्द का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके लिए आपको आईओए और सरकार से अनुमति लेनी होगी, तभी आप उस शब्द का इस्तेमाल कर सकते हैं. भारतीय पासपोर्ट वाले कुछ लोग भारत के रूप में वहां जाते हैं और खेलते हैं. लेकिन मैं पाकिस्तान के बारे में कुछ नहीं कह सकता, यह मेरे अधिकार से बाहर है."
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विदेश में होने वाले टूनार्मेंटों में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय महासंघों को खेल मंत्रालय से इजाजत लेने की जरूरत होती है. खेल मंत्रालय फिर इसके लिए गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय से अनुमति मांगता है. एकेएफआई के प्रशासक जस्टिस (रिटायर्ड हर्ट) एसपी गर्ग ने कहा था कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि कोई टीम पाकिस्तान गई है.
उन्होंने एक बयान में कहा था, "किसी भी टीम ने पाकिस्तान जाने और वहां कबड्डी मैच खेलने के लिए एकेएफआई से अनुमति नहीं ली है. एकेएफआई ऐसे कामों के लिए समर्थन नहीं करता है. उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है." वहीं, पंजाब के खेल मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी ने कहा है कि पाकिस्तान दौरे पर जाने वाली टीम का पंजाब सरकार से कोई लेना देना नहीं है.
Source : IANS