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विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप: गौरव बिधूड़ी ने कांस्य पदक किया पक्का

भारतीय युवा मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी ने ( 56 किलो) मुक्केबाजी विश्व चैंपियनशिप के क्वॉर्टर फाइनल में ट्यूनीशिया के बिलेल महामदी को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है।

Updated on: 29 Aug 2017, 11:01 PM

नई दिल्ली:

भारत के युवा मुक्केबाज गौरव बिधूड़ी ने एआईबीए विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप में 56 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के साथ पदक पक्का कर लिया है। गौरव ने क्वार्टर फाइनल में ट्यूनीशिया के बिलेल महाम्दी को मात दी।

24 साल के गौरव इस चैम्पियनशिप में पदक जीतने वाले भारत के चौथे खिलाड़ी होंगे। उनसे पहले ओलम्पिक पदक विजेता और अब पेशेवर मुक्केबाज बन चुके विजेंदर, विकास कृष्ण और शिव थापा ने भारत को विश्व चैम्पियनशिप में पदक दिलाए हैं।

वह चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय हैं। उनसे पहले विकास कृष्ण ने चैम्पियनशिप में पदार्पण करते हुए पदक जीता था।

पीठ की समस्या से जूझ रहे गौरव मैच के दौरान विजेता की तरह लड़े और सर्वसम्मति से विजेता चुने गए। मैच के बाद गौरव ने कहा, 'यह अविश्वसनीय है। मैं पिछले 7-8 महीनों से भयानक पीठ दर्द से जूझ रहा था।'

उन्होंने कहा, 'लेकिन कोई भी चीज मुझे रोक नहीं सकती, क्योंकि मैं यहां इतिहास रचने के लिए प्रतिबद्ध था। अब मैं अपने सपने के करीब हूं। मैंने अपने दिमाग को काबू में रखा और मैच पर ध्यान लगाए रखा। मैंने पहले दो राउंड जीते और फिर अपना ध्यान बढ़त बनाए रखने पर केंद्रित किया।'

उन्होंने कहा, 'मेरे कोच और टीम काफी मददगार हैं। उन्होंने वो दर्द देखा है जिससे मैं गुजरा हूं। उन्होंने मेरी हर कदम पर मदद की है। मैं इस जीत को अपने पिता को समर्पित करता हूं।'

गौरव अगले मैच में अमेरिका के ड्यूक रागन और अमेरिका के ही जियावेई झांग के बीच होने वाले चौथे राउंड के विजेता से भिड़ेंगे। अगर वह इस सेमीफाइनल मैच में हार भी जाते हैं तो भी वह कांस्य पदक के हकदार होंगे।

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के अध्यक्ष अजय सिंह ने एक बयान में कहा है, 'भारतीय मुक्केबाजी के लिए यह अच्छी खबर है। मैं गौरव को बधाई देता हूं और अन्य मुक्केबाजों को शुभकामनाएं देता हूं कि वह आने वाले दिनों में अच्छा प्रदर्शन करें।'

अमित पंघाल भी 49 किलोग्राम भारवर्ग में मंगलवार को रिंग में उतरे थे, लेकिन वह मुकाबला जीतने में सफल नहीं रहे। उन्हें उजबेकिस्तान के हासानबॉय दुसमाटोव ने मात दी।