सिंधु को भारतीय बैडमिंटन के मुख्य कोच पी गोपीचंद ने दी बधाई- जानें क्या बोले?
देश की स्टार शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया
नई दिल्ली:
देश की स्टार शटलर पीवी सिंधु ( Indian shuttler PV Sindhu ) ने टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है. सिंधु ने रविवार को ब्रॉन्ज मेडल ( bronze medal ) मैच के लिए चीन की हे बिंग जियाओ (He Bing Jiao) को 21-13, 21-15 से करारी शिकस्त दी है. सिंधु की जीत पर भारतीय बैडमिंटन के मुख्य राष्ट्रीय कोच पी गोपीचंद ( Indian Badminton Chief National Coach P Gopichand ) ने उनको बधाई दी है. गोपीचंद ने एक बयान में कहा कि "शानदार" पीवी सिंधु को उनके लगातार दूसरे ओलंपिक पदक पर बधाई. उन्होंने कहा, "यह सब उनकी मेहनत, कोचों की टीम और सहयोगी स्टाफ की कड़ी मेहनत का फल है. मैं खेल मंत्रालय, SAI और BAIको भी धन्यवाद देना चाहता हूं."
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यह सिंधु का मात्र दूसरा ओलंपिक था
भारत की महिला बैडमिंटन स्टार पीवी सिंधु ने रविवार को चीन की जियाओ हे बिंग को हराकर टोक्यो ओलंपिक में महिला एकल का कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है. रियो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली छठी सीड सिंधु ने मुशासहीनो फॉरेस्ट प्लाजा कोर्ट नम्बर-1 पर आठवीं सीड बिंग को 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया और लगातार दो ओलंपिक पदक जीतने वाली भारत की पहली बैडमिंटन खिलाड़ी और दूसरी एथलीट बन गईं. ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह सिंधु का मात्र दूसरा ओलंपिक था. रियो में सिंधु ने डेब्यू किया था.
Indian Badminton Chief National Coach P Gopichand in a statement congratulated "awesome" PV Sindhu on her 2nd successive Olympics medal. "It is all due to the hard work by her, team of coaches & support staff. I also want to thank Sports Ministry, SAI & BAI," he said pic.twitter.com/hEhIRWgLpZ
— ANI (@ANI) August 1, 2021
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देश के लिए पदक प्राप्त करना गर्व का क्षण
पदक जीतने के बाद सिंधु ने कहा, "यह मुझे वास्तव में शानदार अहसास दिलाता है क्योंकि मैंने इतने सालों तक कड़ी मेहनत की है. मेरे अंदर बहुत सारी भावनाएं चल रही थीं - क्या मुझे खुश होना चाहिए कि मैंने कांस्य जीता या दुखी हूं कि मैंने फाइनल में खेलने का अवसर खो दिया? लेकिन कुल मिलाकर, मुझे इस एक मैच के लिए अपनी भावनाओं को रोकना पड़ा और इसे अपना सर्वश्रेष्ठ देना पड़ा. मैं वास्तव में खुश हूं और मुझे लगता है कि मैंने वास्तव में अच्छा प्रदर्शन किया है. मेरे देश के लिए पदक प्राप्त करना गर्व का क्षण है.
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