वैसे स्पोर्टस फेडरेशन जो 30 अक्तूबर तक नीति आयोग के तहत पंजीकृत नहीं हुए हैं उनकी मुश्किलें बढ़ सकती है।
सभी स्पोर्टस फेडरेशन को रविवार तक नीति आयोग के साथ एनजीओ के तौर पर जुड़ने को कहा गया था। अगर कोई फेडरेशन ऐसा करने में विफल रहता है तो मंत्रालय, फेडरेशन की वार्षिक मान्यता का नवीनीकरण नहीं करेगा और 2017-18 के लिए दी जाने वाली वित्तीय मदद बंद कर दी जायेगी।
फिलहाल कुल 51 मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय फेडरेशन हैं, उनमें से सिर्फ हॉकी इंडिया, अखिल भारतीय शतरंज फेडरेशन, एथलेटिक्स फेडरेशन और अखिल भारतीय फुटबाल फेडरेशन ही अपने ऑडिट अकाउंट और बैलेंस शीट की जानकारी वेबसाइट पर जारी करती है।
पिछले महीने ही खेल मंत्रालय को निर्देश दिया गया था कि वो सभी स्पोर्टस फेडरेशन को NGO की तरह ही वित्तीय मदद करने की रुप रेखा तैयार करे।
आयोग से पंजीकृत होने के बाद राष्ट्रीय खेल संघों के लिए वेबसाइट पर अकाउंट का विवरण और बैलेंस शीट की जानकारी जारी करना वैधानिक हो जाएगा। आगे से नीति आयोग का अप्रेजल और मैनेजमेंट डिवीजन प्रोजेक्ट (पीएएमडी) उनकी वार्षिक समीक्षा करेगा। उसके आधार पर ही खेल मंत्रालय राष्ट्रीय संघों को वार्षिक फंड जारी करेगा।
Source : News Nation Bureau