मां पूर्व नक्सली मगर बेटी बनी अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम की खिलाड़ी

जरुरी नहीं की आप के माता-पिता जो हो वही आप बने। बच्चा अपना भविष्य खुद बना सकते हैं। ऐसे ही एक पूर्व महिला नक्सली की बेटी ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम में जगह बना ली है।

जरुरी नहीं की आप के माता-पिता जो हो वही आप बने। बच्चा अपना भविष्य खुद बना सकते हैं। ऐसे ही एक पूर्व महिला नक्सली की बेटी ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम में जगह बना ली है।

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sankalp thakur
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मां पूर्व नक्सली मगर बेटी बनी अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम की खिलाड़ी

जरुरी नहीं की आप के माता-पिता जो हो वही आप बने। आप मेहनत से अपना भविष्य खुद बना सकते हैं। ऐसे ही एक पूर्व महिला नक्सली की बेटी ने अपने शानदार प्रदर्शन की बदौलत अंडर-18 भारतीय वॉलीबॉल टीम में जगह बना ली है।

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इस लड़की का नाम है सिरिसा कुरामी। सिरिसा की उम्र 15 साल है। सिरिसा कुरामी इंटरनेशनल वॉलीबॉल टूर्नामेंट खेलने चीन जाएगी।

पिछले माह केरल के एरनाकुलम में 19 से 24 अप्रैल 2017 को हुए जूनियर नेशनल वालीबॉल चैंपियनशिप में सिरिसा ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था। अंडर-18 में चयन होने के बाद सिरिसा ने कहा कि ऐसे कई लड़कियां है, जोकि भारत के लिए खेलना चाहती हैं।
जिसके वजह से वह वालीबॉल चयनकर्ताओं के नजर में आईं। सिरिसा पिछले 4 सालों से मलकानगिरि के स्पोर्ट्स हॉस्टल में रहकर ट्रेनिंग कर रही हैं।

आपको बता दे सिरिसा की मां चेलेम्मा कुरामी माओवादी रह चुकी हैं। चेलेम्मा 1990 में माओवादी संगठन में शामिल हुई थीं। लेकिन 1994 में माओवादियों द्वारा किए जा रहे बेवजह कत्लेआम और हिंसा से तंग आकर वह संगठन से अलग हो गई थीं।

सिरिसा ने जिले और राज्य स्तर पर वॉलीबॉल में सिरिसा ने 10 से ज्यादा पदक जीते हैं।

Source : News Nation Bureau

Shireesa Maoist
      
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