FIFA U-17 वर्ल्ड कप 2017: भारतीय खिलाड़ियों का कभी हार न मानने वाला जज्बा

फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के 21 खिलाड़ियों में से ज्यादातर ने अपने माता-पिता को संघर्ष करते देखा है।

फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम के 21 खिलाड़ियों में से ज्यादातर ने अपने माता-पिता को संघर्ष करते देखा है।

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vinita singh
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FIFA U-17 वर्ल्ड कप 2017: भारतीय खिलाड़ियों का कभी हार न मानने वाला जज्बा

फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप: भारतीय टीम (फाइल फोटो)

फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में चुने गए खिलाड़ियों की कहानी संघर्ष की दास्तां है। टीम में शामिल खिलाड़ियों में कोई दर्जी का बेटा है, कोई कारपेंटर का तो किसी की मां रेहड़-पटरी पर सामान बेचती है।

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टीम के 21 खिलाड़ियों में से ज्यादातर ने अपने माता-पिता को संघर्ष करते देखा है। बावजूद इसके वे इस खेल में देश का प्रतिनिधित्व करने के अपने सपने को पूरा करने के करीब हैं।

सिक्किम के 17 वर्षीय कोमल थाटल के पास फुटबॉल खरीदने के लिए पैसे नहीं थे और वह प्लास्टिक से बनी गेंद से खेलते थे। थाटल ने गोवा के ट्रेनिंग कैंप से बताया, 'मेरे अभिभावक दर्जी हैं और मेरे पैतृक गांव में उनकी छोटी-सी दुकान है।बचपन में मैं कपड़े या प्लास्टिक से बनीं गेंद से फुटबॉल खेलता था। '

थाटल के पिता अरुण कुमार और मां सुमित्रा अपनी थोड़ी-सी कमाई में से उनके लिए फुटबॉल किट खरीदने के लिए पैसे जमा किए।

संघर्ष की ऐसी ही कहानी अमरजीत सिंह कियाम की भी है जो टीम के कैप्टन बनाए गए हैं। अमरजीत के पिता मणिपुर के छोटे से शहर थाबल में खेती और कारपेंटर का काम करते हैं।

उनकी मां वहां से 25 किमी दूर इंफाल में मछली बेचती हैं। अमरजीत ने कहा, 'मेरे पिता किसान हैं और खाली समय में खेती करते हैं। मां मछली बेचती है लेकिन खेल से मेरा ध्यान ना भटके इसलिए वे मुझे कभी भी काम में हाथ बटाने के लिए नहीं कहते थे'।

अमरजीत ने कहा, 'मेरे चंडीगढ़ फुटबॉल अकैडमी में आने के बाद माता-पिता से बोझ थोड़ा कम हुआ क्योंकि वहां रहने, खाने और स्कूल का खर्च भी अकैडमी ही दिया करती है'।

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टीम के एक अन्य सदस्य संजीव स्टालिन की मां फुटपाथ पर कपड़े बेचती है। स्टालिन ने कहा, 'मेरे पिता हर दिन मजदूरी की तलाश में यहां-वहां भटकते रहते थे इसलिये मेरी मां रेहड़ी पटरी पर कपड़े बेचती थी ताकि घर का खर्च चल सके। बचपन में मुझे पता नहीं चलता था की मेरे जूते कहां से आ रहे हैं लेकिन अब मुझे पता है कि मेरे अभिभावकों को इसके लिये कितनी मेहनत करनी पड़ी। '

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Source : News Nation Bureau

Indian Football Team FIFA Under 17 Worldcup Amarjit Singh Kiyam Komal Thatal
      
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