4 अप्रैल से ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में शुरू होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए भारतीय बास्केटबॉल टीम के खिलाड़ी भी तैयार है। वैसे तो बास्केटबॉल में मेडल जीतना भारतीय टीम के लिए इस बार भी पिछली बार की तरह टेढ़ी खीर साबित होने वाली है, लेकिन टीम के हौसले बुलंद है।
यह दूसरा मौका होगा जब बास्केटबॉल को कॉमनवेल्थ गेम्स का हिस्सा बनाया गया है। इससे पहले 2006 के कॉमनवेल्थ जो ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में खेला गया था उसमें बास्केटबॉल को शामिल किया गया था।
2006 में ऑस्ट्रेलिया की महिला और पुरूष दोनों टीमों ने इस खेल में गोल्ड जीता था और इस बार 2018 के राष्ट्रीमंडल खेलों में एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया ने इस खेल को शामिल किया है।
2006 की बात करें तो इस खेल में दूसरे नंबर पर इंग्लैंड की टीम रही थी जिसे सिल्वर और तीसरे नंबर पर न्यूजीलैंड की टीम को रजत पदक मिला था।
जब 2018 में ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड अपने-अपने पदक बचाने उतरेगी तब भारतीय टीम के पास नया इतिहास रचने का मौका होगा हालांकि यह आसान नहीं होगा।
2006 में भारतीय पुरुष टीम अपने सारे मैच हारी थी तो वहीं महिला टीम को ग्रुप में तीसरा स्थान मिला था।
इस खेल में भारतीय टीम में यादविंदर सिंह एकमात्र ऐसे खिलाड़ी हैं जो अपने दूसरे राष्ट्रीमंडल खेलों में भाग ले रहे हैं और उन्हें ही पुरुष टीम का कप्तान भी बनाया गया है। महिला टीम को शारान लिमय हेड करेगी।
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इस बार भारत की दोनों टीमें ग्रुप बी में है।
पुरुष टीम का पहला मुकाबला कैमरुन के साथ होगा 5 अप्रैल को होगा। दूसरा मुकाबला 7 को इंग्लैंड के साथ तो वहीं तीसरा मुकाबला स्कॉटलैंड के साथ 8 अप्रैल को होगा।
महिला टीम की 5 अप्रैल को ही पहली भिड़ंत जमैका से होगी। दूसरे मैच में मलेशिया से 7 अप्रैल को और तीसरे मैच में न्यूजीलैंड से 8 अप्रैल को सामना होगा।
इस बार 8 टीमें इस खेल में हिस्सा ले रही है। पुरूष टीम फिलहाल रैंकिंग में 62वें स्थान पर है और महिला टीम 45वें स्थान पर।
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Source : News Nation Bureau