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विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप: इतिहास रचने से चूकीं पी वी सिंधु, मारिन तीसरी बार बनीं चैम्पियन

भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी.सिंधु अपननी अनचाही गलतियों के कारण एक बार फिर विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं।

Updated on: 05 Aug 2018, 03:28 PM

नई दिल्ली:

भारत की अग्रणी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी.सिंधु अपननी अनचाही गलतियों के कारण एक बार फिर विश्व बैडमिंटन चैम्पियनशिप में इतिहास रचने से चूक गईं। रविवार को खेले गए महिला एकल वर्ग के फाइनल में स्पेन की कैरोलीना मारिन ने वर्ल्ड नम्बर-3 सिंधु को मात देकर तीसरी बार विश्व चैम्पियनशिप का स्वर्ण जीता। 

वर्ल्ड नम्बर-8 मारिन ने सिंधु को 45 मिनटों तक खेले इस खिताबी मुकाबले में सीधे गेमों में 21-19, 21-10 से मात दी। 

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पहले गेम में मारिन ने अच्छी शुरुआत की, लेकिन सिंधु ने भी अपने रणनीतिक खेल के साथ मारिन के खिलाफ 3-3 से बराबरी की। इसके बाद भारतीय खिलाड़ी ने स्पेनिश खिलाड़ी के खिलाफ अंक बटोरने शुरू किए और उसे 15-11 से पीछे कर दिया। 

अपने खेल में तेजी लाते हुए मारिन ने खेल में वापसी की और सिंधु की गलतियों का फायदा उठाते हुए स्कोर 18-18 से बराबर कर लिया। यहां सिंधु ने एक अंक हासिल किया और मारिन के खिलाफ स्कोर 19-20 किया लेकिन दो बार विश्व बैडमिटन चैम्पियनशिप का स्वर्ण पदक जीत चुकी मारिन ने एक अंक हासिल किया और पहले गेम में सिधु को 21-19 से हरा दिया। 

दूसरे गेम में सिंधु को वापसी का मौका न देते हुए और मैच पर अपना दबदबा बनाते हुए मारिन ने अंक बटोरने शुरू किए और सिंधु को 11-2 से पीछे किया। 

मारिन ने सिंधु की हर गलती का फायदा उठाया और उनके खिलाफ अंक बटोरते हुए उन्हें दूसरे गेम में 21-19 से मात देकर खिताबी जीत हासिल की। 

मारिन ने तीसरी बार स्वर्ण पदक जीता है। इससे पहले, उन्होंने साल 2014 और 2015 में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। वहीं, सिंधु ने पिछले साल रजत पदक जीता था। उन्हें फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने मात दी थी। 

सिंधु ने इसके अलावा, 2013 और 2014 में कांस्य पदक भी जीता है। 

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