एशियाई फुटबॉल परिसंघ ने पीके बनर्जी के निधन पर जताया शोक

पीके बनर्जी 83 साल के थे. बनर्जी ने 2.40 बजे अंतिम सांस ली. बनर्जी ने भारतीय टीम के कप्तान के अलावा कोच और तकनीकी निदेशक पद पर काम किया.

पीके बनर्जी 83 साल के थे. बनर्जी ने 2.40 बजे अंतिम सांस ली. बनर्जी ने भारतीय टीम के कप्तान के अलावा कोच और तकनीकी निदेशक पद पर काम किया.

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Sunil Chaurasia
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पीके बनर्जी( Photo Credit : https://twitter.com/IndianFootball)

एशियाई फुटबाल परिसंघ (एएफसी) ने शुक्रवार को भारतीय फुटबाल टीम के पूर्व कप्तान, कोच और तकनीकी निदेशक प्रदीप कुमार (पीके) बनर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया. एएफसी ने एक ट्वीट में कहा, "एएफसी में हम भारतीय टीम के पूर्व कप्तान कोच और तकनीकी निदेशक श्री प्रदीप कुमार बनर्जी के निधन पर शोकाकुल हैं." एएफसी से पहले अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) ने भी बनर्जी के निधन पर शोक व्यक्त किया.

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अपने कामों की वजह से हमेशा अमर रहेंगे प्रदीप दा
एआईएफएफ प्रमुख प्रफुल्ल पटेल ने अपने बयान में कहा कि प्रदीप दा हमेशा अपने कार्यों के कारण अमर रहेंगे. वह भारतीय फुटबाल के महानतम सपूतों में से एक थे. भारतीय फुटबाल में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. वह भारतीय फुटबाल के स्वर्णिम काल के प्रतीक थे. मैं अखिल भारतीय फुटबाल परिवार की ओर से प्रदीप दा की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं."

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शुक्रवार 2.40 बजे ली थी आखिरी सांस
बनर्जी 83 साल के थे. बनर्जी ने 2.40 बजे अंतिम सांस ली. बनर्जी ने भारतीय टीम के कप्तान के अलावा कोच और तकनीकी निदेशक पद पर काम किया. बनर्जी पिछले महीने भर से सीने में संक्रमण से जूझ रहे थे. बीते दिनों स्वास्थ्य खराब होने के बाद उन्हें यहां के मेडिका सुपरस्पेशिएलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बनर्जी कई दिनों से फुल सपोर्ट वेंटिलेटर पर थे लेकिन शुक्रवार को तमाम प्रयासों के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका.

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कई बड़े पुरस्कारों से किए जा चुके हैं सम्मानित
1961 में अर्जुन पुरस्कार और 1990 में पद्म श्री से नवाजे जा चुके बनर्जी 1962 में एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली टीम के सदस्य थे. बनर्जी ने फाइनल में भारत के लिए गोल भी किया था. अर्जुन पुरस्कार की शुरुआत 1961 में हुई थी और यह पुरस्कार पहली बार बनर्जी को ही दिया गया था. अपने करियर में पीके बनर्जी ने कुल 45 फीफा एक क्लास मैच खेले और 14 गोल किए. वैसे उनका करियर 85 मैचों का था, जिनमें उन्होंने कुल 65 गोल किए.

तीन एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले पीके बनर्जी ने दो बार ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया. फुटबाल के लिए उनकी सेवाओं के लिए फीफा ने 2004 में अपने सर्वोच्च सम्मान-फीफा ऑर्डर ऑफ मेरिट से सम्मानित किया. बनर्जी अपने पीछे दो बेटियों-पाउला और पिक्सी को छोड़ गए हैं.

Source : IANS

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