Vivo आईपीएल से खुद हटा या फिर हटाया गया, जानिए अंदर की कहानी
Vivo फिर से नेगेटिव न्यूज़ में आने से बचना चाह रही थी. तो IPL से अलग होने में ही उसने अपना भला समझा.
नई दिल्ली :
Tata IPL 2022 : आईपीएल यानी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL). बहुत लोग इसे इंडियन पैसा लीग भी बोलते हैं. और बोले क्यों भी ना इस क्रिकेट की लीग में चाहे वो खिलाड़ी हो, टीम हो या फिर स्पोंसर हों, सभी पर जम कर पैसे की बरसात होती है. ऐसे में सभी बिज़नेस इस लीग के साथ जुड़ना चाहते हैं. आईपीएल के साथ जुड़ कर दो बातें तो पक्की हैं. पहली ये कि किसी भी बिज़नेस की कमाई तो अच्छी होगी ही साथ में गुडविल भी और मजबूत होगी. ब्रांड वैल्यू आज के समय में सब कुछ होता है. इसी बीच वीवो का आईपीएल से अलग होना सभी के मन में सवाल जरूर खड़ा करता है कि वीवो (Vivo) खुद पीछे हटी है या फिर BCCI के प्रेशर में उसे पीछे हटना पड़ा है.
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तो आपको बता दें कि वीवो ने साल 2018 में 440 करोड़ रुपए की सालाना कीमत पर 5 साल के लिए आईपीएल के साथ करार किया था. यानी 2022 तक वीवो को आईपीएल के साथ रहना था, बाद में ये 2020 के हटने के बाद 2023 हो गया था. लेकिन अचानक से खबर आई कि वीवो की जगह अब टाटा आईपीएल का टाइटल स्पोंसर होगा.
मीडिया रिपोर्ट्स हैं कि वीवो करार टूटने के 454 करोड़ रुपए BCCI को देगा. जिससे ये बात तो साफ़ हो जाती है कि वीवो ने आईपीएल को छोड़ा है ना कि आईपीएल ने वीवो को. अब सवाल ये आता है कि आखिर क्यों. उसके पीछे ये कारण बताया जा रहा है कि वीवो के आईपीएल के साथ रहने में उसकी ब्रांड वैल्यू को खतरा हो रहा था. क्योंकि जब से भारत में चीन के प्रोडक्ट को लेकर हंगामा शुरू हुआ तभी से वीवो आईपीएल की वजह से लोगों के निशाने पर आ गयी थी. तो उसके मोबाइल फोन्स को लेकर भी लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया था. इसलिए वीवो फिर से इस नेगेटिव न्यूज़ में आने से बचना चाह रही थी. तो आईपीएल से अलग होने में ही उसने अपना भला समझा.
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