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MI Vs CSK: इस बड़ी गलती के कारण हारी चेन्नई, ऐसे जीती मुंबई

मुम्बई इंडियंस (Mumabi Indians) ने आईपीएल के 13वें (IPL) सीजन के 41वें मैच में चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) को 10 विकेट से हरा दिया

Updated on: 23 Oct 2020, 11:03 PM

नई दिल्ली:

मुम्बई इंडियंस (Mumabi Indians) ने आईपीएल के 13वें (IPL) सीजन के 41वें मैच में चेन्नई सुपर किंग्स (Chennai Super Kings) को 10 विकेट से हरा दिया. चेन्नई ने पहले खेलते हुए सैम कुरैन के 52 रनों की बदौलत नौ विकेट पर 114 रन बनाए और मुम्बई 12.2 ओवरों में बिना कोई विकेट गंवाए लक्ष्य हासिल कर लिया. इस जीत के साथ मुम्बई की टीम एक बार फिर आठ टीमों की तालिका में 14 अंकों और बेहतर नेट रनरेट के साथ पहले स्थान पर पहुंच गई है. दूसरी ओर, इस सीजन की अपनी हार को मजबूर चेन्नई की टीम 6 अंकों के साथ तालिका में सबसे नीचे हैं. आईपीएल के इस सीजन में उसका आगे का सफर लगभग समाप्त हो गया है चलिए नजर डाल लेते हैं कि क्यों हारी चेन्नई और कैसे मारी मुंबई ने बाजी.


1- मुंबई इंडियंस की टीम ने ऑलराउंड प्रदर्शन करते हुए चेन्नई सुपरकिंग्स को हराकर हिसाब बराबर नहीं किया बल्कि प्वाइंट्स टेबल में टॉप पर जगह बना ली है. मुंबई इंडियंस के कप्तान रोहित शर्मा नहीं खेल रहे थे. उनकी जगह कप्तान किरोन पोलार्ड थे जिन्होंने अपनी कप्तानी से सभी को प्रभावित किया. पोलार्ड की रणनीति के आगे चेन्नई की एक नहीं चली और येलो आर्मी को हार का सामना करना पड़ा.

2- मुंबई इंडियंस की जीत के असली हीरो न्यूजीलैंड के घातक गेंदबाज ट्रेट बोल्ट रहे. बोल्ट ने नई गेंद से चेन्नई सुपरकिंग्स की कमर तोड़ दी और उसके बाद माही ब्रिगेड एक बार भी फ्रंटफुट पर नहीं आ सकी. ट्रेट बोल्ट ने चार ओवर में 18 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए. इसी साथ ट्रेट बोल्ट को मैन ऑफ द मैच चुना गया.

3- मुंबई इंडियंस के बल्लेबाज ने छोटे लक्ष्य को बेहद आसानी से हासिल किया. रोहित शर्मा की गैरमौजूदगी में क्विंटन डि कॉक और ईशान किशन ने ओपनिंग की और दोनों बल्लेबाजों ने चेन्नई सुपरकिंग्स पर हल्ला बोल दिया. ईशान किशन ने 68 रन बनाए जबकि डि कॉक ने 46 रन बनाए.

4- चेन्नई सुपरकिंग्स के ओपनिंग बल्लेबाजों ने पूरी तरह से निराश किया. एम एस धोनी ने शेन वॉटसन जैसे अनुभवी खिलाड़ी को बाहर कर यंग बल्लेबाजों को मौका दिया लेकिन यंगिस्तान बल्ले से कोई योगदान नहीं दे पाए. इसके अलावा टॉप ऑर्डर के विस्फोटक बल्लेबाज डुप्लैसी भी बिल्कुल भी रन नहीं बना पाए. इसकी कारण चेन्नई सुपरकिंग्स 30 रनों पर 6 विकेट गंवा चुकी थी.  वॉटसन के ना होने का खामियाजा चेन्नई सुपरकिंग्स को भूगतना पड़ा.

5-चेन्नई सुपरकिंग्स के बल्लेबाज ही नहीं इस हार में उनके गेंदबाजों ने भी पूरा साथ दिया है. चेन्नई सुपरकिंग्स इससे पहले साल 2009 में 116 रनों को डिफेंड कर चुकी है. शारजाह के छोटे मैदान पर चेन्नई सुपरकिंग्स की पेस बेटरी भी लय में नहीं दिखी. यहीं कारण हैं कि मुंबई के ओपनिंग बल्लेबाज डि कॉक और ईशान किशन ने पहले सात ओवर में 64 रन जोड़े और जीत की नींव रखी और 10 विकेट से पहली हार चेन्नई सुपरकिंग्स को आईपीएल में हरा दिया.

अब चेन्नई के तीन मुकाबले बचे हैं लेकिन आईपीएल इतिहास में पहली बार माही एंड कंपनी प्लेऑफ में नहीं पहुंची है. चेन्नई का इस साल काफी बेकार प्रदर्शन रहा है लेकिन अगर चेन्नई को आईपीएल सीजन 13 से अच्छी विदाई लेनी है तो उन्हें हर हाल में बाकी बचे मुकाबले जीतने होंगे.