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IPL 2021: पिता ने  किया ऐसा काम तो स्टार बने कार्तिक त्यागी

पंजाब के खिलाफ राजस्थान ने आईपीएल मैच अविश्वसनीय तरीके से जीत लिया. राजस्थान की इस दो रन से जीत से हीरो बन गए उत्तर प्रदेश के कार्तिक त्यागी. 

Updated on: 22 Sep 2021, 04:37 PM

highlights

  • उत्तर प्रदेश के हापुड़ के रहने वाले हैं कार्तिक त्यागी
  • पंजाब के खिलाफ मैच में किया कमाल का प्रदर्शन
  • राजस्थान को दिलाई दो रनों से जीत, अंतिम ओवर फेंका था

नई दिल्ली :

आईपीएल (IPL) के दूसरे सेशन के लीग मैच में राजस्थान रॉयल्स ने पंजाब पर अविश्वसनीय जीत दर्ज की. राजस्थान ने पहले बैटिंग करके 185 रन बनाए और रनों का पीछा करने उतरी पंजाब एक समय आसानी से जीत दर्ज करती हुई दिखाई दे रही थी. अंतिम ओवर में पंजाब को महज चार रन चाहिए थे और उसके सिर्फ दो विकेट गिरे थे. निकोलस पूरन जैसा बल्लेबाज स्ट्राइक पर था और विकेट पर जमा हुआ था. कोई सोच भी नहीं सकता था कि ऐसी स्थिति में पंजाब हार सकता है. इन हालातों में गेंद आई राजस्थान के कार्तिक त्यागी के हाथों में और उन्होंने पूरे ओवर में सिर्फ एक रन दिया और दो विकेट ले लिए. इस तरह राजस्थान ने यह मैच अविश्वसनीय तरीके से जीत लिया. राजस्थान की इस दो रन से जीत से हीरो बन गए उत्तर प्रदेश के कार्तिक त्यागी. 

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कार्तिक त्यागी भले ही लाइम लाइट में आ गए हों लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए त्यागी ने कितना संघर्ष किया. सिर्फ अकेले कार्तिक त्यागी ने ही नहीं, उनके पिता योगेंद्र त्यागी ने भी अपने बेटे को इस मुकाम पर पहुंचाने के लिए जबर्दस्त संघर्ष किया है. दरअसल, कार्तिक त्यागी के पिता योगेंद्र भी स्पोर्ट्स में करियर बनाना चाहते थे लेकिन उनका सपना पूरा नहीं हो सका. 

इसके बाद अपने बेटे कार्तिक में उन्हें वह क्षमता दिखी, जो उनके अधूरे सपने को पूरा कर सकती थी. उन्होंने अपने बेटे कार्तिक को बहुत कम उम्र में ही क्रिकेट अकादमी में एडमिशन दिला दिया लेकिन यह सफर इतना आसान नहीं था. योगेंद्र हापुड़ जिले के धनपुर  गांव में रहते थे और क्रिकेट अकादमी काफी दूर थी. वह सुबह छह बजे उठते और बेटे कार्तिक को लेकर स्कूल जाते उसके बाद दो बसें और एक रिक्शे को चेंज कर उसे लेकर मेरठ की स्पोर्ट्स अकादमी पहुंचते. फिर इतना ही सफर करके वापस पहुंचते. इस तरह सुबह छह बजे से लेकर रात आठ बजे तक उन्हें बिजी रहना पड़ता. इस वजह से वह अपनी खेती पर भी पूरा ध्यान नहीं दे पाते थे लेकिन उन्होंने खेती से कंप्रोमाइज किया और कार्तिक को क्रिकेटर बनाने में लगे रहे. 

एक इंटरव्यू में पिता योगेंद्र ने बताया कि हफ्ते में पांच दिन यही शेड्यूल रहता था. बाकी दो दिन घर पर प्रैक्टिस करनी थी लेकिन गांव में कोई सुविधा नहीं थी. ऐसे में उन्होंने खेत में ही क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए विकेट और अन्य तमाम संसाधन जुटाए. घर की आर्थिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी. ऐसे में कार्तिक की क्रिकेट किट खरीदने के लिए भी उन्हें कर्ज लेना पड़ा. 

कार्तिक त्यागी के करियर की बात करें तो उन्होंने बहुत तेजी से अपनी जगह बनाई. साल 2000 में जन्में इस क्रिकेटर ने कुछ ही साल में उत्तर प्रदेश की अंडर-14 और फिर अंडर-16 टीम में अपना स्थान पक्का कर लिया. इसके बाद साल 2017 में रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की ओर से भाग लिया. साल 2019 में अंडर-19 में जगह बना ली और इसके बाद राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2020 के आईपीएल के लिए 1.3 करोड़ में खरीदा. पंजाब के खिलाफ मैच में उन्होंने दिखा दिया की उनके पिता की मेहनत व्यर्थ नहीं गई.