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IPL 2020 : आईपीएल इनामी राशि कम करने पर टीमें नाराज, अब किया यह बड़ा फैसला

बीसीसीआई (BCCI) की आईपीएल (IPL 2020) की इनामी राशि (IPL prize money) में 50 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला आठ फ्रेंचाइजियों को रास नहीं आया. दो दिन चर्चा के बाद फ्रेंचाइजियों ने संयुक्त रूप से बीसीसीआई को इस संबंध में पत्र लिखने का फैसला किया है.

Updated on: 06 Mar 2020, 03:47 PM

New Delhi:

बीसीसीआई (BCCI) की आईपीएल (IPL 2020) की इनामी राशि (IPL prize money) में 50 फीसदी तक की कटौती करने का फैसला आठ फ्रेंचाइजियों को रास नहीं आया. दो दिन चर्चा करने के बाद फ्रेंचाइजियों ने संयुक्त रूप से बीसीसीआई को इस संबंध में पत्र लिखने का फैसला किया है, जो अगले 24 घंटे में अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) को भेजा जाएगा. इस मामले से संबंध रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि सभी फ्रेंचाइजियां एक साथ हैं और 48 घंटे चर्चा करने के बाद यह फैसला लिया गया है कि बीसीसीआई को एक संयुक्त पत्र भेजा जाएगा और बताया जाएगा कि यह कदम सही नहीं है.

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सूत्र ने कहा, दिल्ली कैपिटल्स ने यह चर्चा शुरू की, लेकिन यह फैसला तब हुआ तब सभी आठों फ्रेंचाइजियों इस पर सहमति जाहिर की. जो पत्र बोर्ड के अध्यक्ष को भेजा जाएगा, उस पर सभी आठ टीमों के हस्ताक्षर होंगे. मुख्य मुद्दा ईनामी राशि में 50 फीसदी की कटौती का है. सूत्र ने कहा, यह फैसला लेते हुए हमें लूप में भी नहीं रखा गया. हमें यह सब चीजें मीडिया से पता चलीं. यहां तक की ऑल स्टार मैच को लेकर भी हमें सबसे आखिर में पता चला. चीजें इस तरह से काम नहीं करती हैं. सूत्र से जब पूछा गया कि क्या पत्र भेज दिया गया है? तो उन्होंने कहा, पत्र तैयार है और अगले 24 घंटों के अंदर अध्यक्ष के पास भेज दिया जाएगा. छह फ्रेंचाइजियों की सहमति मिलने के बाद मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स से बात की गई और वह भी इस पर तैयार हो गईं. यह चर्चा मुख्यत: फोन और मैसेज पर की गई क्योंकि सभी मालिकों का एक साथ मिलना मुश्किल था.

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जो ई-मेल बोर्ड की तरफ से आठ फ्रेंचाइजियों को भेजा गया है, उसके मुताबिक आईपीएल-2020 के विजेता को 10 करोड़ रुपये, उप-विजेता को 6.25 करोड़ रुपये, तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 4.375 करोड़ रुपये दिए जाएंगे. वहीं 2019 में विजेता को 20 करोड़ रुपये दिए गए थे. उपविजेता के हिस्से 12.5 करोड़ रुपये आए थे. तीसरे और चौथे स्थान पर रहने वाली टीमों को 8.75 करोड़ रुपये दिए थे.